जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. झारखंड के धनबाद जिले में अपर जिला जज उत्तम आनंद की मौत के रहस्य पर से अब तक पर्दा उठ नहीं पाया है. उत्तम आनंद के पास कई प्रमुख आपराधिक मामलों के मुकदमे थे. राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर दी है ताकि इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए.
जज उत्तम आनंद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनका जबड़ा और सर की कई हड्डियां टूटी हुई पाई गई हैं. मौत की वजह सर पर लगी गंभीर चोटों को ही बताया गया है. हालांकि उनके शरीर पर तीन जगह पर बाहरी चोटें मिली हैं और सात जगह पर अंदरूनी चोटें भी मिली हैं. अंदरूनी चोटों की गंभीरता का अंदाजा उनके पेट में मिले खून से लगाया जा सकता है.
जज उत्तम आनंद की मौत के पीछे क्या कारण रहे हैं यह देश की सुप्रीम कोर्ट भी जानना चाहती और झारखंड की कोर्ट भी. उत्तम आनंद हत्याकांड में गिरफ्तार ऑटो चालक लखन वर्मा और राहुल वर्मा की ब्रेन मैपिंग और नारको टेस्ट का आदेश दिया गया है.
जज उत्तम आनंद की मौत का राज़ का पता लगाने के लिए राज्य सरकार ने हालांकि सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है लेकिन सीबीआई ने अब तक इस केस का चार्ज नहीं लिया है. फिलहाल इस मामले को एसआईटी देख रही है.
एसआईटी ने जज की मौत की वजह जानने के लिए अपना राडार उन सभी मामलों की तरफ मोड दिया है जिन मामलों में जज ने सज़ा सुनाई थी. फिलहाल एसआईटी का पूरा ध्यान इस समय इस तरह के पैंतीस-चालीस लोगों पर टिका हुआ है. एसआईटी ने जेल में बंद शूटर अमन सिंह, शूटर रूना सिंह समेत कई अपराधियों से पूछताछ की है.
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एसआईटी ने ऐसे सभी अपराधियों से पूछताछ का फैसला किया है जिनके मामलों की सुनवाई के बाद या तो जज ने सज़ा सुनाई या फिर याचिकाएं खारिज कीं. जज ने कुछ अपराधियों की 25 जून को उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी. जांच का शिकंजा इन सजायाफ्ता अपराधियों पर भी कसने लगा है.