जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। टोक्यो ओलम्पिक में भारत के लिए बड़ी खबर आ रही है। दरअसल रेसलर रवि दहिया ने इतिहास रचते हुए फाइनल में अपना स्थान पक्का कर लिया है और भारत के लिए पहला सोना जीतने के बेहद करीब है।
रवि कुमार ने भारत के खाते में एक और मेडल पक्का कर दिया है। उन्होंने फाइनल में जगह बना ली है. वहीं, दीपक पूनिया भी अब से कुछ देर बाद सेमीफाइनल मुकाबला खेलेंगे। अब से कुछ देर में महिला हॉकी टीम भी सेमीफाइनल मैच खेलने उतरेगी।
टोक्यो ओलम्पिक के 13वें दिन भारत की महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) विश्व चैम्पियन तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में पराजित हो गई लेकिन उन्होंने कांस्य पदक अपने नाम किया है। हालांकि वो सोना जीतने की प्रबल दावेदार थी लेकिन उन्हें अब कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा है।
दूसरी ओर कुश्ती से भी अच्छी खबर सामने आ रही है। टोक्यो में भारतीय पहलवान रवि कुमार और दीपक ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में अपना स्थान पक्का कर लिया है।
ऐसे में दोनों पहलवानों से भी पदक की आस लगायी जा रही है। दूसरी ओर भारतीय महिला हॉकी टीम की टक्कर आज दोपहर बाद अर्जेंटीना से सेमीफाइनल में टक्कर होने वाली है।
रवि कुमार पुरुषों के फ्रीस्टाइल 57 किग्रा वर्ग में बेहद शानदार कुश्ती का प्रदर्शन करते हुए क्वार्टर फाइनल में बुल्गारिया के जॉर्डी वैंगेलोव को 14-4 से पराजित कर सेमीफाइल का टिकट हासिल कर लिया जबकि उनके साथी पहलवान दीपक पूनिया (86 किलोग्राम वर्ग) क्वार्टर फाइनल मुकाबला अपने नाम कर सेमीफाइनल में अपना स्थान पक्का कर लिया है।
दीपक ने चीनी पहलवान जुशेन लिन को 6-3 से हराकर मुकाबला अपने नाम कर लिया है। हालांकि दोनों के बीच मुकाबला कांटे का था और आखिरी लम्हों में दीपक ने दो अंक जुटाकर भारत को पदक के और करीब पहुंचा था दिया है। इसके साथ सेमीफाइनल में पहुंचने वाले दूसरे रेसलर भी बन गए है।
दूसरी ओर मुक्केबाजी में भारत के लिए झटका तब लगा जब महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) वर्ल्ड चैम्पियन तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबला हार गई हैं। हालांकि, लवलीना ने पदक पहले ही पक्का कर लिया था. सेमीफाइनल में हार के साथ उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ेगा. इससे पहले भारतीय पहलवानों ने अच्छा प्रदर्शन किया।
उधर पीएम मोदी ने महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन कांस्य पदक जीतने पर उनकी सराहना की है। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि खूब लड़ीं लवलीना !
बॉक्सिंग रिंग में उनकी सफलता कई भारतीयों को प्रेरित करती है. उनकी दृढ़ता और दृढ़ संकल्प सराहनीय हैं. कांस्य पदक जीतने पर उन्हें बधाई. उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं. #टोक्यो2020
हालांकि लवलीना बोरगोहेन इस मुकाबले में रंग में नजर नहीं आ रही थी और तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ उनकी एक नहीं चली। इसका नतीजा यह रहा कि उन्हें 0-5 से हार का मुंह देखना पड़ा है।
उनकी हार से भारत को तगड़ा झटका लगा है और सोना उनके हाथ से निकल गया है। लवलीना ने सुरमेनेली को कई अच्छे पंच भी मारे, लेकिन तुर्की की इस दिग्गज मुक्केबाज के पास लवलीना की हार पंच का जवाब था।
असम की 23 वर्षीय लवलीना इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ी थी। वह पदक पक्का करके पहले ही विजेंदर सिंह (2008) और एम सी मैरीकॉम (2012) की बराबरी कर चुकी है। लवलीना का पदक पिछले नौ वर्षों में भारत का मुक्केबाजी में पहला पदक है।
ओवरऑल ओलंपिक मुक्केबाजी में भारत- तीसरा पदक
- विजेंदर सिंह
- कांस्य पदक: बीजिंग ओलंपिक (2008)
- एमसी मैरीकॉम
कांस्य पदक: लंदन ओलंपिक (2012) - लवलीना बोरगोहेन
- कांस्य पदक: टोक्यो ओलंपिक (2020)