जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
आंतरिक लेखा परीक्षा निदेशालय में स्थानांतरण सत्र वर्ष 2021-22 में 456 लेखा कार्मिकों के अनियमित स्थानांतरण को लेकर शासन द्वारा जांच कराने के आदेश और सभी तबादलों के क्रियान्वयन पर रोक लगाने के बाद आंतरिक लेखा परीक्षा निदेशालय में सहायक लेखाकार, लेखाकार, सहायक लेखाधिकारी और लेखा परीक्षकों के स्थानांतरण करने और न करने में किये गये लेनदेन की पर्तें भी खुलने लगी हैं।
जुबली पोस्ट के हाथ कुछ शिकायती पत्र हाथ लगे हैं जिसमें इसका खुलासा किया गया है और मांग की गई है कि जांच में इन बिन्दुओं को भी शामिल किया जाय।
लखनऊ के तेजबहादुर ने अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि– निदेशालय में कर्मी मिर्जा काफिल बेग ही तबाले कराने के ठीकेदार था और एक लाख से लेकर तीन लाख तक वसूला गया है। और बेग के इशारे पर ही निदेशक स्थनांतरण करती थीं।
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इसके अलावा कृषि विभाग में तैनात और एक लेखा संगठन के अध्यक्ष योगेश कुमार मिश्रा को भी ट्रांसफर का ठीकेदार बताया गया है ।
शिकायतकर्ता का कहना है कि इन दोनों के मोबाइल काल डिटेल से पूरी जानकारी मिल जायेगी कि कैसे वसूली होती थी और कैसे धमकाया भी जाता था। शिकायतकर्ता ने इस सम्बन्ध में जांच की मांग की है।
सूत्रों के अनुसार रोटीन तबादले किये ही नहीं गये हैं केवल वही तबादले किये गये हैं जिनमें पैसे के लेनदेन के आरोप लगे हैं। प्रयाग राज से लेखाकार अनिल कुमार श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि आबकारी आयुक्त,उ.प्र.प्रयागराज में तैनात विकास कुमार, राजेश कुमार,राम प्रकाश सीनियर आडिटरों के बारे में लिखा है कि इनसे एक एक लाख रूपये लेकर इनका ट्रांसफर नहीं किया गया है जबकि ये सभी आडिटर प्रोग्राम लगने के बाद भी आडिट करने नहीं जाते हैं जबकि टीए के नाम पर हर लाखों रूपये सरकार से लेते है।
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पिछले पन्द्रह सालों से ये यहीं तैनात हैं। जुबली पोस्ट ने सूत्रों के हवाले से पहले भी खबर लगाई थी कि आडिट प्रोग्राम करने में लेन देन करके नियम विरूद्ध एप्रूवल देने और आडिट रिपोर्टों की गुणवत्ता न देखने की बात उठाई भी थी।
सूत्र यह भी बता रहे हैं कि कई सहायक लेखाधिकारियों को अनियमित रुप से दूसरे विभागों का भी चार्ज दे दिया गया है। शिकायतकर्ताओं के आरोपों में कितनी सत्यता है यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा।