जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधान सभा चुनाव है। ऐसे में यहां पर राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर मंगलवार को लखनऊ में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से भेंट की और दोनों की मुलाकात को लेकर यूपी की सियासत में एकाएक हलचल मचती नजर आ रही है।
माना जा रहा है कि चुनाव से पहले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर अपना पाला बदल सकते हैं और फिर से एनडीए के साथ जा सकते हैं।
हालांकि ये केवल अभी कयास भर है। दूसरी ओर राजभर ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से हुई मुलाकात को लेकर कहा है कि ये एक शिष्टाचारी मुलाकात है।
हालांकि उन्होंने एक न्यूज चैनल से बातचीत में एनडीए में लौटने को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है और बताया है कि वो बीजेपी के साथ गठबंधन तभी करेंगे जब भाजपा उनकी पांच शर्ते मान लेती है।
उन्होंने स्वतंत्र देव सिंह से मुलाकात को लेकर न्यूज चैनल से कहा कि देश पहले कृषि प्रधान था, अब जाति प्रधान देश है। हम पिछली जाति से आते हैं। वह भी पिछड़ी जाति से आते हैं। इसलिए हम मुलाकात करते रहते हैं। इस दौरान बातचीत में आगे कहा कि एनडीए का हिस्सा तभी बनेगे जब बीजेपी उनकी पांच शर्ते मान लेती है।
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ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर कौन सी वो पांच शर्ते है। उनमें से सबसे अहम शर्त यह है कि वो चाहते हैं कि चुनाव में जीत के बाद पिछड़ी जाति का नेता ही मुख्यमंत्री हो।
राजभर ने इस मौके पर साफ कर दिया है कि वो योगी को मुख्यमंत्री बनता नहीं देखना चाहते हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश 52 फीसदी पिछड़ी आबादी है। ऐसे कैसे कि वोट हमारा और राज तुम्हारा। अब ऐसा नहीं होगा।
वोट हमारा होगा और राज भी हमारा होगा। हम 2022 करके दिखाएंगे। दूसरी ओर बीजेपी की बात की जाये तो उसने मुख्यमंत्री के तौर पर एक बार फिर योगी आदित्यनाथ पर भी दांव लगाया है।
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बीते कुछ दिनों से योगी के दोबारा सीएम उम्मीदवार होने पर कयासों का दौर लग रहा था। इतना ही नहीं उनके नाम पर बीजेपी आम राय नहीं बन रही थी लेकिन इसके बाद बैठकों दौर शुरू हुआ और इसके बाद ये तय कर लिया गया है कि बीजेपी योगी आदित्यनाथ को ही सीएम उम्मीदवार के तौर पर 2022 में होने वाले विधान सभा चुनाव पेश करेगी।