जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि इस साल अगस्त या सितम्बर में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है. यह तीसरी लहर पहली और दूसरी लहर की अपेक्षा ज्यादा खतरनाक होगी इसलिए सभी को अभी सतर्क हो जाने की ज़रूरत है.
तीसरी लहर आने से पहले ही स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सरकार से कहा है कि कोरोना काल में कई गंभीर बीमारियों के मरीजों खासकर कैंसर पेशेंट को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. इसलिए बेहतर होगा कि सरकार अस्पतालों में उनके लिए अभी से अलग से इंतजाम करवा ले ताकि ज़रूरत पड़ने पर उन्हें दिक्कत का सामना न करना पड़े. विशेषज्ञों ने कहा है कि कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों के लिए बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाए जाने की ज़रूरत है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोरोना के मरीज़ बढ़ने पर कैंसर के मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. पहली और दूसरी लहर के दौरान यह देखने को मिल भी चुका है कि अस्पतालों में ओपीडी भी बंद हो जाती है और ऑपरेशन थियेटर भी. यह बहुत खतरनाक स्थिति होती है. इससे बचने के लिए अभी से तैयारी करने की ज़रूरत है. विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि यह इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि कैंसर के मरीजों को आपरेशन वगैरह के लिए बहुत ज़यादा इंतज़ार नहीं करवाया जा सकता.
स्वास्थ्य विशषज्ञों ने कहा है कि कोविड की तीसरी लहर में इस महामारी के साथ-साथ गंभीर बीमारियों के मरीजों पर विशेष फोकस रखा जाए. इस महामारी के दौर में उन्हें इधर-उधर भटकना न पड़े.
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विशेषज्ञों ने कहा है कि यह बहुत अच्छी बात है कि डॉक्टरों का मुख्य ध्यान इस महामारी पर ही केन्द्रित हो जाता है लेकिन अगर पहले से तैयारियां रहें तो इमरजेंसी और ओपीडी पर किसी तरह का फर्क नहीं पड़ेगा. इसी तरह से सरकार को अस्पतालों में पहले से ही अतिरिक्त बेड का इंतजाम भी रखना होगा ताकि अचानक से मरीज़ बढ़ें तो आख़री मौके पर हायतौबा न मचे. मरीज़ जैसे ही अस्पताल पहुंचें वैसे ही उन्हें इलाज मुहैया हो जाए.