जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. राष्ट्रीय जनता दल के विधायक भाई वीरेन्द्र के एक दावे ने बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है. भाई वीरेन्द्र ने दावा किया है कि बिहार की सियासत में खेला शुरू हो गया है. आने वाले 15 अगस्त को गांधी मैदान में तेजस्वी यादव ही झंडारोहण करेंगे.
राजद विधायक के दावे के बाद बिहार की सियासत में तूफ़ान आने की असल वजह यही है कि बिहार में सरकार चलने और सरकार गिरने में सिर्फ सात-आठ विधायकों का ही योगदान है. राजद विधायक ने कहा है कि बिहार में नीतीश कुमार की सरकार का गिरना निश्चित है.
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में अपने साथ हुए दुर्व्यवहार से नाराज़ वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश साहनी ने नीतीश सरकार पर सवाल खड़े करते हुए पूछा था कि क्या बिहार में सिर्फ बीजेपी और जेडीयू की ही सरकार चल रही है. क्या बिहार सरकार को चार दलों का समर्थन नहीं मिल रहा है. उन्होंने साफ़ तौर पर कहा था कि बिहार की सरकार बाकी दो दलों को अहमियत नहीं दे रही है. उल्लेखनीय है कि बिहार में नीतीश कुमार की सरकार जीतन राम मांझी के हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा और मुकेश साहनी के दल वीआईपी के सहयोग से ही चल रही है.
मुकेश साहनी के इस बयान के फ़ौरन बाद राजद विधायक भाई वीरेन्द्र का बयान आया तो बिहार की सियासत में तूफ़ान का उठना भी लाज़मी है. मुकेश साहनी का सरकार को लेकर रवैया तल्ख है लेकिन मांझी फिलहाल सरकार के साथ ही खड़े नज़र आ रहे हैं लेकिन बिहार के सत्ता समीकरण में सीटों का जो गणित है उसके हिसाब से कुछ विधायकों के ही इधर से उधर होने पर सत्ता परिवर्तन होने से कोई रोक नहीं सकता है.
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बिहार विधानसभा में राष्ट्रीय जनता दल सबसे बड़ी पार्टी है. राजद के पास 75 विधायक हैं. 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़ा 122 है. राजद के 75 विधायकों में अगर कांग्रेस के 19 और वाम दलों के 16 विधायक और जोड़ दिए जाएं तो विधायकों की संख्या 110 पहुँच जाती है. मुकेश साहनी राजद के साथ आते हैं तो यह संख्या 114 हो जायेगी. ज़ाहिर है कि साहनी के साथ आते ही ओवैसी के पांच विधायक भी राजद के साथ ही खड़े होंगे तब यह संख्या 119 हो जायेगी. ऐसे हालात बने तो मांझी भी राजद की तरफ पलट सकते हैं. उनके पलटते ही बिहार की सत्ता में भी परिवर्तन हो जाएगा.