जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में बच्चा चोरी करने वाले रैकेट का खुलासा हुआ है. यह रैकेट झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीब परिवारों के बच्चे चुराकर संतानहीन अमीरों के हाथ बेच देता है. अलीगढ़ पुलिस ने बच्चा खरीदने वाले कुछ लोगों को हिरासत में लिया है. अब इनकी मदद से बच्चा चोरों के पूरे गिरोह की तलाश की जा रही है.
अलीगढ़ में पिछले काफी समय से बच्चा चोरी की शिकायतें मिल रही थीं, इन शिकायतों के मद्देनज़र अलीगढ़ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने आपरेशन खुशी चलाने का आदेश दिया. यह आपरेशन उन बच्चो की तलाश के लिए था जो अचानक कहीं गायब हो गए थे. आपरेशन शुरू हुआ तो पुलिस को शुरुआती जांच में ही यह बात समझ में आ गई कि झोपड़पट्टी में रहने वाले बेहद गरीब लोगों के बच्चे ही गायब हो रहे हैं. पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि गाज़ियाबाद से लेके अलीगढ़ तक बच्चे ऐसे गरीब लोगों के गायब हो रहे हैं जिनकी आवाज़ कहीं सुनी नहीं जाती. इनमें ज़्यादातर लोग कूड़ा बीनने वाले हैं.
जांच के दौरान पुलिस को जानकारी ऐसे परिवारों की भी लगी जो सम्पन्न थे लेकिन उनकी कोई औलाद नहीं थी. उन्होंने हाल ही में बच्चा गोद लिया था. पुलिस ने पहले इसकी पूरी जानकारी जुटाई और इसके बाद एक साथ ऐसे 16 लोगों को हिरासत में लिया जिन्होंने या तो बच्चा गोद लिया था या फिर वह बच्चा गोद दिलवाने के मामले में मध्यस्थ था. पुलिस इन लोगों को बच्चो के साथ पकड़कर थाने लाई तो थाने पर उन झुग्गी-झोपड़ी वालों की भी भीड़ लग गई जिनके बच्चे चोरी हुए थे. इन लोगों से बरामद बच्चो से ही पता चला कि बच्चा चोरी के तार अलीगढ़ से गाज़ियाबाद तक फैले हुए हैं.
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पुलिस की अब तक की जांच में पता चला है कि जिन लोगों ने चोरी का बच्चा खरीदा है उन्होंने बच्चे के एवज़ में 50 हज़ार रुपये से लेकर कई लाख रुपये दिए हैं.एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि पिछले सात महीने से बच्चा चोरों ने पुलिस की नाक में दम कर दिया है. उन्होंने बताया कि बच्चा चोरी का रैकेट शुभम, अनिल और दुर्योधन मिलकर चला रहे थे. इन बदमाशों से पता चला है कि जो बच्चे रात को घरों से बाहर सोते हैं, यह गिरोह ज़्यादातर ऐसे बच्चो को ही चोरी करता है.