जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। यूपी के चुनावी अखाड़ें में एक ओर भाजपा है तो दूसरी ओर बाकी अन्य पार्टियां।
लेकिन इस बार चुनाव में लड़ाई समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच ही होनी है। इसीलिए सपा भी छोटे राजनीतिक दलों को अपने साथ लाने की कोशिशों में लगी हुई है।
कुछ दिनों पहले ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुस्लमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख और सांसद सांसद असदुद्दीन ओवैसी
ने ऐलान किया था कि उनकी भी पार्टी यूपी विस चुनाव लड़ेगी।
अब खबर है कि सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी आईएमआईएम ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सामने शर्त रखी है कि अगर सपा उत्तर प्रदेश में गैर बीजेपी सरकार बनने पर भागीदारी मोर्चे के किसी वरिष्ठ मुस्लिम एमएलए को डिप्टी सीएम बनाने को तैयार हो तो उनकी पार्टी और मोर्चे का सपा से गठबंधन हो सकता है।
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एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कहा कि भागीदारी संकल्प मोर्चा समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लडऩे को तैयार है, लेकिन इसमें शर्त यह रहेगी कि सरकार बनने पर उप मुख्यमंत्री मोर्चे के किसी वरिष्ठ मुस्लिम विधायक को बनाया जाए।
बताया जा रहा है कि ओवैसी अगस्त की शुरुआत में एक बार फिर उत्तर प्रदेश का दौरा करेंगे जिसमें वह प्रयागराज, फतेहपुर, कौशाम्बी और आसपास के अन्य जिलों में कार्यकर्ताओं से मिलेंगे।
इस दौरान ओवैसी बुद्धिजीवियों के अलग-अलग समूहों से भी मिलेंगे। इनमें खासतौर पर मुस्लिम, दलित, व पिछड़े वर्ग के वकील, अधिकारी, डाक्टर, इंजीनियर व अन्य प्रेाफेशनल भी शामिल रहेंगे।
कुछ दिन पहले ही ओवैसी ओवैसी व आसपास के इलाकों में पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिले थे और संगठन को मजबूत का आह्वान किये थे।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आईएमआईएम का संगठनात्मक ढांचा खड़ा हो गया है। सभी 75 जिलों में जिला अध्यक्ष बना दिये गये हैं, जिला इकाईयां भी गठित हो चुकी हैं। पार्टी यूपी के इस बार के विधान सभा चुनाव में सौ सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने का एलान पहले ही कर चुकी है।
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शौकत अली ने आगे कहा कि हम तो चाहते हैं कि इस बार यूपी में अगर भाजपा को रोकना है तो सपा-बसपा के साथ हमारा भागीदारी संकल्प मोर्चा मिलकर लड़ें। इससे मुसलमानों का बीस प्रतिशत वोट बिखरने से बच जाएगा।
मोर्चे के संयोजक ओम प्रकाश राजभर पहले ही कह चुके हैं कि अगर उनके मोर्चे की सरकार बनती है तो प्रदेश में हर साल नया मुख्यमंत्री होगा यानि पांच साल के कार्यकाल में प्रदेश में पांच मुख्यमंत्री होंगे।
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वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के साथ जाने के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी या मोर्चे का कोई गठबंधन नहीं होगा क्योंकि कांग्रेस डूबता हुआ जहाज है जो भी इस जहाज पर सवार होता है वह खुद भी डूब जाता है। रही बात आम आदमी पार्टी की तो उसका यूपी में कोई जनाधार नहीं है।