जुबिली न्यूज डेस्क
देश की शीर्ष अदालत ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर केरल सरकार के बकरीद के लिए कोरोना प्रतिबंधों में ढील देने के फैसले को ‘एकदम अनावश्यक’ बताया है।
अदालत ने विजयन सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि उसका व्यापारियों के दबाव के आगे झुक जाना दिखाता है कि काम किस दयनीय हालत में हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही सरकार को चेतावनी दी कि अगर इन रियायतों की वजह से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े तो वो उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी।
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न्यायाधीश आरएफ नरीमन और बीआर गवई की पीठ ने कहा कि देश के नागरिकों को केरल सरकार के दिए फैसले जैसे कदमों से महामारी के सामने खुला छोड़ दिया गया है।
कोर्ट ने कहा,”हम केरल सरकार को निर्देश देते हैं कि वो संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत दिए गए जीने के अधिकार पर ध्यान दे।”
सोमवार को शीर्ष अदालत ने केरल सरकार से इस सप्ताह बकरीद के त्योहार के लिए कोरोना को लेकर लागू पाबंदियों में छूट देने के उसके फैसले पर जवाब मांगा था।
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दरअसन केरल में विजयन सरकार ने पिछले सप्ताह तीन दिनों के लिए कोविड प्रोटोकॉल से जुड़ी पाबंदियों में ढील देने का फैसला किया था जिसका कई लोगों और संगठनों ने विरोध किया था।
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केरल के सीएम पिनराई विजयन ने कहा था कि प्रदेश में बकरीद 21 जुलाई को मनाई जा रही है, इसे देखते हुए कपड़े, जूते-चप्पलों, जूलरी, फैंसी सामानों, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, सभी तरह के रिपेयरिंग शॉप और अन्य जरूरी चीजों की दुकानें 18, 19 और 20 जुलाई को सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक खुली रहेंगी।