जुबिली न्यूज डेस्क
कर्नाटक में पिछले कुछ दिनों से नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच भाजपा में सियासी घमासान जारी है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ उनके अपने ही नेताओं ने मोर्चा खोल रखा है।
कर्नाटक भाजपा प्रमुख नलिन कुमार कतील के वायरल ऑडियो क्लिप के बाद अब भाजपा के एक और सीनियर नेता बी. पाटिल यतनाल ने इशारा किया है कि केंद्रीय नेतृत्व येदियुरप्पा की जगह किसी ईमानदार हिंदूवादी नेता को मुख्यमंत्री बनाएगा। ऐसा नेता जो पार्टी को 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत दिला सके।
कर्नाटक की सियासत में उस समय बवाल मच गया जब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलिन कतील का एक ऑडियो क्लिप सामने आया। इस ऑडियो क्लिप में येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटने की बात कही जा रही है।
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हालांकि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कतील ने इस आडियो टेप से कोई संबंध होने से इनकार किया है, लेकिन सियासी बयानबाजी के बाद प्रदेश से लेकर केंद्र तक हलचल तेज हो गई है।
वहीं दिल्ली से लौटने के बाद बेंगलुरु में मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया जिसमें अगले दो सालों तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहने की बात हो। उधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री यतनाल ने खुद रेस में होने से इनकार किया है। उनका कहना है कि पीएम मोदी नए मुख्यमंत्री का चयन करेंगे।
फिलहाल कर्नाटक की सियासत में यह भी बड़ा सवाल उठ रहा है कि येदियुरप्पा के बाद कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। सीएम की रेस में सबसे प्रमुख नाम प्रह्लाद जोशी का है, जो केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। वह उत्तर कर्नाटक से सांसद हैं।
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प्रह्लाद जोशी के बाद दूसरा बड़ा नाम बीएल संतोष का है। बीएल संतोष लंबे समय तक संगठन मंत्री रहे हैं और फिलहाल भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री हैं। सीटी रवि, कारोबारी राजनेता मुर्गेश निराणी और वसवराज यतनाल भी मुख्यमंत्री के दावेदार हैं।
इनके अलावा बसवराज बोम्मई, डिप्टी सीएम लक्षम्ण सावदी, रेवेन्यु मिनिस्टर आर अशोक, डिप्टी सीएम गोविंद कारजोल भी सीएम की कुर्सी के दावेदार हैं।
हालांकि पहले सांसद अनंत कुमार हेगड़े भी दावेदार थे, लेकिन विवादास्पद बयान देने की वजह से वो रेस से लगभग बाहर हैं।
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मालूम हो कि साल 2018 में कर्नाटक में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन भाजपा अपना सीएम नहीं बन सकी थी।
केंद्र में दूसरी बार मोदी सरकार के आने पर कर्नाटक में भाजपा सक्रिय हुई। कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों के इस्तीफे हुए। इसके बाद बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई और 26 जुलाई 2019 को बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक के सीएम बने।
लेकिन पिछले कई महीनों से सीएम येदियुरप्पा से उनके अपने नेता ही नाराज है। उनके बेटे की दखल की वजह से ये नौबत आई है। पिछले महीने कर्नाटक बीजेपी के प्रभारी अरुण सिंह कर्नाटक गए थे। अरूण सिंह सीएम के अलावा मंत्रियों से भी मिलकर आए थे।