जुबिली स्पेशल डेस्क
टोक्यो ओलम्पिक शुरू होने में अब बेहद कम दिन रह गए है। दुनिया के सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता के खिलाड़ी भी टोक्यो पहुंच रहे है।
कई सालों की मेहनत के बाद खिलाड़ी ओलम्पिक जैसी बड़ी प्रतियोगिता में भाग ले पाता है। हालांकि कोरोना की वजह से इस बार ओलम्पिक के आयोजन में काफी देरी हुई है।
कोरोना को देखते हुए आयोजकों ने काफी सख्त नियम बना रखे हैं लेकिन अब आयोजन समिति ने खेल में खिलाडिय़ों के बीच 1 लाख 60 हजार कंडोम बांटने का लक्ष्य रख दिया है।
इसको लेकर विवाद देखने को तब मिला जब खिलाडिय़ों ने आयोजकों के इस कदम पर नाराजगी जतायी। खिलाडिय़ों के अनुसार कोरोना काल चल रहा है, सबको सोशल डिस्टेंसिंग काफी अहम है ऐसे में कंडोम क्यों बांटा जा रहा है।
खिलाडिय़ों के विरोध के बाद इस पूरे मामले में आयोजकों ने सफाई दी है। उधर यह मामला ठंडा पड़ा था कि अब खेल गांव में एंटी सेक्स बेड को लेकर नया विवाद हो गया है। दरअसल खिलाडिय़ों को जो बेड दिया गया है वो एंटी सेक्स बेड है।
क्या है एंटी सेक्स बेड
अब आपके जहन में ये सवाल कौंध रहा होगा कि आखिर एंटी सेक्स बेड क्या होता है। खेल गांव में एथलीट जिस बेड पर आराम करेगे उस बोड को एंटी-सेक्स बताया जा रहा है।
इस बेड को एंटी सेक्स बेड इसलिए कहते हैं क्योंकि इस पर एक ही इंसान एक बार में सो सकता है। इतना ही नहीं इस पर सेक्स या फिर रोमांस भी नहीं किया जा सकता है।
एंटी सेक्स बेड कॉर्डबोर्ड के बने होते हैं। इसपर केवल एक आदमी सो सकता है। अगर इसपर एक से ज्यादा आदमी सो तो वो फौरन टूट जायेगा। दूसरे शब्दों में समझना है तो इसपर सेक्स करने के बारे में खिलाड़ी सोच नहीं सकते हैं। इसके साथ इस पर सेक्स नहीं कर पाएंगे।
खिलाड़ियों में है गुस्सा
सोशल मीडिया पर एंटी सेक्स तस्वीरें काफी तेजर से वायरल हो रही है। खिलाड़ी इस बेड से काफी नाराज है और कहना है कि ये बेड उनका खुद का भार भी सह नहीं पाएगा।
साथ ही बेड का साइज भी काफी छोटा है। उन्हें अगर रात को नींद नहीं आएगी तो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पायेगे। दूसरी ओर कुछ खिलाडिय़ों ने यहां तक कह दिया कि अगर इस तरह के बेड पर सुलाना है तो कंडोम क्यों बांटे हैं। बता दें कि जहां भी ओलम्पिक का आयोजन होता है वहां पर कंडोम दिया जाता है।