जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर योगी सरकार रविवार को बड़ा ऐलान करने वाली है। जानकारी के मुताबिक योगी सरकार रविवार को 2021-2030 के लिए एक नई जनसंख्या नीति की घोषणा करने वाली है।
योगी सरकार यह ऐलान तब सामने आ रहा है जब राज्य में विधान सभा चुनाव होने में अब कुछ महीने रह गए है। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर फॉर्मूला तैयार कर लिया है।
इसके तहत जिनके दो से अधिक बच्चे होंगे, वे न तो सरकारी नौकरी के लिए योग्य होंगे और न ही कभी चुनाव लड़ पाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-2030 का विमोचन करेंगे।
हालांकि योगी सरकार के इस कदम पर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और कड़ी आलोचना की है और कहा है कि वह उत्तर प्रदेश में ‘लोकतंत्र की हत्या करना चाहती है।
यूपी की राज्य विधि आयोग ने सिफारिश की है कि एक बच्चे की नीति अपनाने वाले माता पिता को कई तरह की सुविधाएं दी जाएं, वहीं दो से अधिक बच्चों के माता-पिता को सरकारी नौकरियों से वंचित रखा जाए।
इसके अलावा दो से अधिक बच्चों के माता-पिता को स्थानीय निकाय चुनाव लडऩे से रोकने समेत कई तरह के प्रतिबंध लगाने की सिफारिश भी इस प्रस्ताव में की गई है।
राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण कानून के तैयार मसौदे में इस तरह के कई प्रस्ताव रखे हैं। आयोग ने इस मसौदे पर लोगों ने आपत्तियां व सुझाव भी मांगे हैं, जो 19 जुलाई तक आयोग को ई-मेल (statelawcommission2018@gmail.com) या फिर डाक के जरिए भेजे जा सकते हैं।
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अगर योगी सरकार इस फॉर्मूले को हरी झंडी दे देती है तो फिर उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में बड़ा कदम माना जाएगा।
राज्य विधि आयोग अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल के मार्ग-दर्शन में यह ड्राफ्ट तैयार किया गया है। आपत्तियों एवं सुझावों का अध्ययन करने के बाद संशोधित मसौदा तैयार करके प्रदेश सरकार को सौंपा जाएगा।
दरअसल देश के अन्य प्रदेशों में लागू कानूनों का अध्ययन करने के बाद ही यह ड्राफ्ट तैयार किया गया है। इसे उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) एक्ट 2021 के नाम से जाना जाएगा और यह 21 वर्ष से अधिक उम्र के युवकों और 18 वर्ष से अधिक उम्र की युवतियों पर लागू होगा। यह मसौदा आयोग की वेबसाइट (upslc.upsdc.gov.in) पर अपलोड किया गया है।
एक बच्चा होने पर मिलेंगी ये सुविधाएं
आयोग ने अपने मसौदे में वन चाइल्ड पॉलिसी स्वीकार करने वाले बीपीएल श्रेणी के माता-पिता को विशेष तौर पर प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव रखा है। इसके तहत जो माता-पिता पहला बच्चा पैदा होने के बाद आपरेशन करा लेंगे, उन्हें कई तरह की सुविधाएं दी जाएंगी।
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पहला बच्चा लड़का होने पर 80 हजार रुपये और लड़की होने पर एक लाख रुपये की विशेष प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। ऐसे माता-पिता की बेटी उच्च शिक्षा तक नि:शुल्क पढ़ाई कर सकेगी, जबकि बेटे को 20 वर्ष तक नि:शुल्क शिक्षा मिलेगी। इसके अलावा उन्हें नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा और सरकारी नौकरी होने की स्थिति में सेवाकाल में दो इंक्रीमेंट भी दिए जाएंगे।
दो से ज्यादा बच्चे होने पर आफत ही आफत
दो से ज्यादा बच्चों के माता-पिता को कई तरह की सुविधाओं से वंचित करने का प्रस्ताव आयोग ने रखा है। इसमें उन्हें स्थानीय निकायों का चुनाव लडऩे से रोकने, सरकार से मिलने वाली सब्सिडी बंद किए जाने, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने पर रोक लगाने तथा सरकारी नौकरी कर रहे लोगों को प्रोन्नति से वंचित करने का प्रस्ताव रखा गया है।
ये सभी प्रस्ताव जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण करके नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित पाठ्यक्रम स्कूलों में पढ़ाए जाने का सुझाव भी दिया है।
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