जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान कमजोर मैनेजमेंट के आरोपों का सामना करने वाले डॉ. हर्षवर्धन को स्वास्थ्य मंत्री के पद से हटा दिया गया है।
चर्चा है कि उन्हें किसी और विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालांकि अब तक यह साफ नहीं है कि उन्हें क्या पोर्टफोलियो मिलने वाला है। ऐसा हर्षवर्धन के साथ दूसरी बार हुआ है।
अप्रैल-मई में कोरोना की दूसरी लहर ने देश में खूब तांडव मचाया था। लाखों लोगों की जान चली गई थी। अधिकांश लोगों की जान लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की वजह से गई।
जब कोरोना पीक पर था तो उस दौरान देश के अधिकांश राज्यों में ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, रेमडेसिविर इंजेक्शन से लेकर अन्य तमाम चीजों की किल्लत देखने को मिली थी। ऐसे में डॉ. हर्षवर्धन की सक्रियता पर सवाल उठे थे। माना जा रहा था कि खुद पीएम नरेंद्र मोदी भी उनकी सक्रियता को लेकर बहुत ज्यादा खुश नहीं थे।
मालूम हो कि मोदी के पहले कार्यकाल में भी डॉ. हर्षवर्धन हेल्थ मिनिस्टर थे, लेकिन बीच में ही उन्हें हटाकर उनकी जगह जेपी नड्डा को यह जिम्मा दिया गया था।
यह भी पढ़ें : नहीं रहे दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार
यह भी पढ़ें : पेशावर के यूसुफ खान कैसे बने दिलीप कुमार
यह भी पढ़ें : योगी की टेंशन बढ़ा सकती हैं ममता, जानिए कैसे
यह दूसरा मौका है, जब डॉ. हर्षवर्धन को हेल्थ मिनिस्टर के पद से हटाया गया है। वह साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर भी थे, लेकिन इस पद पर वह बने रहेंगे।
सूत्रों के मुताबिक कुल 14 मंत्रियों को कैबिनेट से हटाया जा रहा है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि हर्षवर्धन कैबिनेट में बने रहेंगे या फिर वह बाहर ही रहेंगे। इसके अलावा उनके विकल्प के तौर पर किस नेता को चुना गया है, यह भी स्पष्ट नहीं है।
यह भी पढ़ें : BJP और शिवसेना की ‘दोस्ती’ पर उद्धव ठाकरे का दिलचस्प बयान
यह भी पढ़ें : तनीषा ने चार साल पहले फ्रीज कराए एग्स, जानिए मदरहुड पर क्या है राय
हर्षवर्धन के अलावा पीएम मोदी ने जिन बड़े चेहरों से इस्तीफे लिए हैं, उनमें श्रम मंत्री संतोष गंगवार भी शामिल हैं। इसके अलावा कर्नाटक के पूर्व सीएम सदानंद गौड़ा का भी इस्तीफा लिया गया है। यही नहीं रतन लाल कटारिया, देबोश्री चौधरी समेत कुल 9 नेताओं से अब तक मंत्री पद से इस्तीफा ले लिया गया है। अभी यह लिस्ट कुछ और लंबी हो सकती है। बता दें कि पीएम मोदी के कैबिनेट विस्तार में बुधवार शाम को बड़ी संख्या में मंत्री शपथ ले सकते हैं।