जुबिली स्पेशल डेस्क
पंजाब कांग्रेस में रार लगातार देखने को मिल रही है। दरअसल वहां पर अगले साल चुनाव होना है। ऐसे में कांग्रेस को लगता है कि समय रहते अगर कैप्टन और सिद्धू के बीच चल रहा कि विवाद नहीं सुलझाया तो उसे अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा सकता है।
हालांकि अब मामला पूरी तरह से सिद्धू के पक्ष में जाता नजर आ रहा है। कांग्रेस पार्टी को लगता है कि उनके लिए सिद्धू काफी अहम है। इस वजह से सिद्धू को अपनी टीम में बनाने रखने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है।
सिद्धू भी सियासत की पिच पर दोबारा फॉर्म में लौटते नजर आ रहे हैं। उन्होंने फ्रंफुट पर बैटिंग शुरू कर दी है लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि कांग्रेस अब सिद्धू को किसी भी हालत में अपनी टीम में बनाये रखना चाहती है।
सियासी पिच पर कांग्रेस के लिए सिद्धू की बैटिंग काफी अहम मानी जा रही है। पंजाब में सियासत 2022 की चुनावी जंग में सिद्धू क्या कांग्रेस के लिए कोई चमत्कार कर सकते हैं।
पंजाब में कांग्रेस दोबारा सत्ता में लौटना चाहती है लेकिन वहां पर उसकी लड़ाई बीजेपी और अकाली के साथ-साथ आम आदमी पार्टी से भी है।
केजरीवाल की पार्टी दिल्ली की तरह पंजाब में अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने में जुट गई है।
उसने वहां पर बड़ा सियासी दांव तब चल जब केजरीवाल ने वहां पंजाब को लेकर बड़ा ऐलान कर डाला। केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में अगर आम आदमी की पार्टी बनी तो वहां पर मुख्यमंत्री कोई सिख ही होगा। उनके इस ऐलान के बाद कांग्रेस सर्तक हो गई और अपने कुनबे को मजबूत करने में जुट गई।
दरअसल केजरीवाल का ऐलान और सिद्धू का कैप्टन पर लगातार हमला से कांग्रेस को समझ आ गया अगर सिद्धू ने कांग्रेस से किनारा किया तो उसका विधान सभा चुनाव में बुर असर पड़ा सकता है।
ऐसे में सिद्धू को लेकर कांग्रेस ने अपनी सोच बदली और फिर उनको पार्टी में बनाये रखने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है।
इतना ही नहीं इसी दौरान प्रियंका गांधी और राहुल गांधी से उनकी मुलाकात भी हुई और कहा जा रहा है कि पंजाब में कांग्रेस अब पहले से बेहतर है और सिद्धू को लेकर अगले कुछ घंटों में कांग्रेस पार्टी बना ऐलान कर सकती है।