जुबिली स्पेशल डेस्क
मुंबई। बीते कुछ दिनों से महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार को लेेकर कई तरह सवाल उठ रहे हैं। सवाल उठ रहा है क्या महा विकास अघाड़ी सरकार में सबकुछ ठीक चल रहा है।
दरअसल शिवसेना और बीजेपी की बढ़ती नजदीकी भी सियासी हलचल पैदा कर रही है। कांग्रेस ने अभी हाल में कहा था कि अगली बार गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री कांग्रेस का होगा।
हालांकि इस बयान के बाद उन्होंने सफाई भी दी थी। अब सियासी अटकलों के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने शिवसेना और बीजेपी के रिश्तों पर अपनी सफाई दी है और कहा है कि हम भारत-पाकिस्तान नहीं।
आमिर खान और किरन राव को देखिए, यह उस तरह का रिश्ता है। हमारे (शिवसेना-बीजेपी) के राजनीतिक रास्ते अलग हैं लेकिन दोस्ती हमेशा बरकरार रहेगी।
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अब सवाल है कि संजय राउत ने क्यों इस तरह का बयान दिया है। दरअसल बीजेपी नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा था कि उनकी पार्टी और पूर्व सहयोगी शिवसेना दुश्मन नहीं है।
ऐसे में ये कयास फिर से लगाए जा रहे हैं कि क्या दोनों पार्टियां फिर से एक साथ आने वाली हैं? देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि उनकी पार्टी और पूर्व सहयोगी शिवसेना दुश्मन नहीं हैं, हालांकि उनके बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद हैं और कहा कि राजनीति में कोई ‘किंतु-परंतु” नहीं होता।
यह पूछे जाने पर कि क्या दो पूर्व सहयोगियों के फिर से एक साथ आने की संभावना है, फडणवीस ने कहा कि स्थिति के आधार पर सही निर्णय किया जाएगा।
बता दें कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार चल रही है लेकिन इस सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। दअरसल महाविकास अघाड़ी में दरार भी देखी जा सकती है।
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कांंग्रेस और शिवसेना की तकरार भी खूब देखने को मिल रही है। अभी हाल में महाराष्ट्र के कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और अन्य स्थानीय नेताओं ने अकेले चुनाव लडऩे का बड़ा बयान दिया था।
अब इस पूरे मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी चुप्पी तोड़ी थी और इशारों-इशारों में पलटवार किया था। उन्होंने स्थानीय कांग्रेस नेताओं पर तंज भरे अंदाज में कहा कि जो लोगों की समस्याओं का समाधान किए बिना अकेले चुनाव लडऩे की बात करेगा, उन्हें लोग जूते से पीटेंगे।
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उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया था और कहा था कि अगर हम लोगों की समस्याओं के समाधान की पेशकश नहीं करते हैं और केवल राजनीति में अकेले लडऩे की बात करते हैं, तो लोग हमें जूते से पीटेंगे। वे हमारी अकेले चुनाव लडऩे की पार्टी केंद्रित महत्वाकांक्षी बात नहीं सुनेंगे।