जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भले ही अगले साल विधान सभा चुनाव होना हो लेकिन यहां पर लगातार सियासी पारा चढ़ता नजर आ रहा है। जहां एक ओर सपा जमीनी स्तर पर अपनी पार्टी को मजबूत करने में जुटी हुई तो दूसरी ओर आम आदमी पार्टी भी यूपी में अपनी राजनीतिक जमीन की तलाश में नजर आ रही है।
बीते कुछ महीनों से आम आदमी पार्टी ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी भी मजबूती के साथ चुनावी दंगल में उतरने को पूरी तरह से तैयार है।
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह लगातार यूपी में सक्रिय है। हालांकि चुनावी मौसम में ऐसा होना आम बात है लेकिन आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह आज अचानक समाजवादी पार्टी के लखनऊ स्थित दफ्तर पहुंचकर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर यहां की सियासत में एकाएक हलचल पैदा कर डाली है।
इसके बाद कयास लगने लगा है क्या यूपी में विधानसभा चुनाव के लिए आम-सपा का गठबंधन हो सकता है। हालांकि अभी इसपर कोई खुलकर नहीं बोल रहा है लेकिन राजनीति हलचल और जरूर बढ़ गई है।
अभी कल ही मायावती ने कहा था कि समाजवादी पार्टी की यह लाचारी है कि वह उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव छोटी पार्टियों के साथ मिलकर लड़ेगी।
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मायावती ने ट्वीट में लिखा था, ‘समाजवादी पार्टी की घोर स्वार्थी, संकीर्ण व खासकर दलित विरोधी सोच और कार्यशैली आदि के कड़वे अनुभवों और इसके भुक्तभोगी होने के कारण देश की अधिकतर बड़ी व प्रमुख पार्टियां चुनाव में इनसे किनारा करना ही ज्यादा बेहतर समझती हैं, जो सर्वविदित है।
बात अगर समाजवादी पार्टी की जाये तो अखिलेश यादव ने बहुत पहले ये ऐलान किया था कि उनकी पार्टी किसी भी बड़े दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी लेकिन छोटे दलों का साथ जरूर रखा जायेगा। अब देखना होगा कि क्या यूपी में अखिलेश और केजरीवाल की जोड़ी बनती है या नहीं लेकिन कयासों का दौर जारी है।