शबाहत हुसैन विजेता
लखनऊ / सिद्धार्थनगर. जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी पूजा यादव का समर्थन समाजवादी पार्टी के नेता मोनू दुबे को भारी पड़ गया है. मोनू दुबे की पत्नी अंकिता दुबे पूजा यादव की प्रस्तावक हैं. पुलिस-प्रशासन की नाराजगी के बावजूद पूजा यादव का पर्चा जमा हो गया लेकिन मोनू दुबे का घर पुलिस ने कल देर रात तक घेरे रखा. पुलिस मोनू दुबे की गाड़ी उठा ले गयी. परिवार को घर के भीतर ही नज़रबंद कर दिया गया.
पुलिस द्वारा गाड़ी उठा ले जाने के बाद मोनू दुबे ने जब वीडियो जारी का पुलिस और प्रशासन को चुनौती दी कि मैं विकास दुबे नहीं हूँ और मेरी गाड़ी नहीं पलटेगी तो सिद्धार्थनगर के एएसपी सुरेश चन्द्र रावत ने बताया कि गाड़ी से सम्बंधित कोई मामला था. इसी वजह से एआरटीओ पुलिस को लेकर वहां गए थे और गाड़ी अपने साथ जांच के लिए ले गए हैं.
गाड़ी ले जाने के बाद मोनू दुबे ने कहा कि मैं ब्राह्मण होने का दंश झेल रहा हूँ लेकिन मेरी पत्नी पूजा यादव की प्रस्तावक बनी रहेंगी और मैं किसी भी दशा में झुकने वाला नहीं हूँ.
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सोमवार को दोपहर करीब दो बजे बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ जेसीबी मोनू दुबे के घर के सामने पहुंची तो मोनू ने सोशल मीडिया के ज़रिये अपने समर्थकों को अपने घर पहुँचने के लिए कहा. कुछ ही देर में बड़ी संख्या में भीड़ पहुँच गई तो जेसीबी से मोनू दुबे के घर की तरफ जाने वाली सड़क को खोदने का काम शुरू कर दिया गया.
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मोनू दुबे का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन का यह दबाव है कि अंकिता दुबे पूजा यादव का प्रस्ताव वापस ले लें ताकि बीजेपी प्रत्याशी निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बन जाए. मोनू दुबे ने कहा है कि प्रस्ताव तो वापस नहीं होगा, भले ही जेसीबी मेरा घर और कार्यालय भी ढहा दे. उन्होंने कहा कि मेरा घर गिर सकता है मगर मेरा हौंसला नहीं गिरेगा.