जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को ब्रिटेन की अदालत से तगड़ा झटका लगा है। दरअसल यूके हाईकोर्ट ने बुधवार को नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने के आवेदन को खारिज कर दिया है।
ऐसे में उसके भारत लौटने का रास्ता भी साफ हो गया है और जल्द भारत लाया जा सकता है। इसके साथ ही नीरव मोदी प्रत्यर्पण रोकने संबंधी अपील के पहले चरण में झटका लगा है और लड़ाई हार गए है। इसके आलाव अब केवल पांच दिन के अंदर उन्हें नए सिरे से अपील दायर का मौका है।
इससे पहले भी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में अपने मामा मेहुल चौकसी के साथ मिलकर 14 हजार करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला करने वाले हीरा कारोबारी नीरव मोदी को ब्रिटिश अदालत में बड़ा झटका लगा था।
हाईकोर्ट के एक अधिकारी ने बताया है कि अपील की अनुमति मंगलवार को ”दस्तावेज में’ खारिज कर दी गई और अब 50 वर्षीय कारोबारी के पास उच्च न्यायालय में संक्षिप्त मौखिक सुनवाई के वास्ते नए सिरे से अपील का आवेदन दायर करने का मौका बचा है, जिस पर न्यायाधीश यह निर्णय कर सकते हैं कि क्या मामले में पूर्ण अपील सुनवाई की जा सकती है।
दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी (डायरेक्टोरेट ऑफ एन्फोर्समेंट) ने फरार कारोबारी विजय माल्या, मेहुल चोकसी और नीरव मोदी की जब्त की गई संपत्ति में से 9371.17 करोड़ रुपए सरकारी बैंकों को ट्रांसफर कर दिया है।
ईडी ने कहा कि विजय माल्या और पीएनबी बैंक धोखाधड़ी मामलों में बैंकों की 40 फीसदी राशि पीएमएलए के तहत जब्त किए गए शेयरों की बिक्री के जरिए वसूली गई।
जांच एजेंसियों का कहना है कि इन कारोबारियों की वित्तीय धोखाधड़ी के कारण बैंकों को भारी नुकसान हुआ है। ईडी ने इन कारोबारियों की कुल 18,170.02 करोड़ रुपए की कीमत की संपत्ति को अटैच किया है।
ईडी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, “ईडी ने न केवल 18,170.02 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है बल्कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी मामले में पीएमएलए के तहत 9371.17 करोड़ रुपए सरकारी बैंकों और केंद्र सरकार को दे दिया गया है।”
क्या है पीएनबी मामला
देश में पीएनबी घोटाले को लेकर बवाल मचा हुआ है। बता दे कि ब्रैडी हाउस ब्रांच में 11,500 करोड़ रुपये का घोटाला का मामला प्रकाश में आया था। इस मामले में नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी पर 11,500 करोड़ रुपये कर्ज लेकर उसे नहीं चुकाने का आरोप लगा है। दोनों ने जो कर्ज लिया है वह पीएनबी के लैटर ऑफ अंडरटेकिंग के माध्यम से लिया गया है। इसी आधार पर एक्सिस बैंक और इलाहाबाद बैंक की विदेशी ब्रांचों से भी कर्ज लिया गया है।