जुबिली न्यूज डेस्क
2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा का मुकाबला करने के लिए तीसरे मोर्चा बनाने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। दरअसल एक दिन पहले ही चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुलाकात के बाद आज एनसीपी मुखिया शरद पवार ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाने से एक बार फिर से तीसरे मोर्चे के गठन को लेकर कयासबाजी शुरू हो गई है।
लेकिन मंगलवार को शरद पवार द्वारा बुलाई बैठक को लेकर सफाई दी गई है और कहा गया है कि यह तीसरे मोर्चे की बैठक नहीं है।
एनडीटीवी की खबर के अनुसार बैठक से जुड़े लोगों ने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रमंच की बैठक के दौरान मौजूदा हालात पर चर्चा होगी न कि तीसरे मोर्चे या फिर 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर।
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने भी बीती शाम ट्वीट किया था कि एनसीपी मुखिया शरद पवार साल 2018 में बनाए पॉलिटिकल ऐक्शन ग्रुप ‘राष्ट्रमंच’ की बैठक की मेजबानी करेंगे।
एनसीपी नेता नवाब मलिक के अनुसार, इस बैठक में नेताओं के अलावा कई अन्य नामी लोगों को भी बुलाया गया है। बैठक के लिए वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, पूर्व राजदूत केसी सिंह, गीतकार जावेद अख्तर, फिल्म निर्माता प्रीतिश नंदी, वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजालविस, मीडिया पर्सनैलिटी करण थापर और आशुतोष को भी न्योता दिया गया है।
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मालूम हो कि शरद पवार के घर बुलाई गई इस बैठक को लेकर इसलिए भी अटकलें लगाई जा रही हैं क्योंकि सोमवार को ही वह चुनावी रणनीतिकार पीके से वह मिले थे।
पिछले 2 सप्ताह के भीतर पीके और पवार की यह दूसरी मुलाकात थी। हालांकि, मुलाकात के बाद प्रशांत किशोर ने यह स्पष्ट कर दिया था कि उन्हें ऐसा नहीं लगता कि कोई तीसरा या चौथा मोर्चा अगले लोकसभा चुनावों में बीजेपी को चुनौती दे सकेगा।
मालूम हो कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार शाम को विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है। बैठक में तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और आम आदमी पार्टी सहित कई अन्य पार्टियों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है।
हालांकि, कांग्रेस इस बैठक में शामिल होगी या नहीं इसको लेकर संशय बरकरार है। राष्ट्र मंच का गठन पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने 2018 में किया था।
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