शबाहत हुसैन विजेता
लखनऊ. अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण की प्रक्रिया के बीच ज़मीन खरीद मामले में जो घोटाले के इल्जाम की आंच आयी है उसने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस मामले में अयोध्या के संतों ने ट्रस्ट के साथ खड़े होकर राम मन्दिर निर्माण की गति को कम न होने देने की कसरत शुरू कर दी है तो वहीं राजनीतिक दलों के साथ ही विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रवीण तोगड़िया ने कई वाजिब सवाल उठाकर ट्रस्ट की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
ज़मीन खरीद का मामला विवादों में तब आया जब समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने साक्ष्यों के साथ आरोप लगाकर ट्रस्ट की विश्वसनीयता को कटघरे में खड़ा कर दिया. आरोप ट्रस्ट पर था. आरोप ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय पर था. आरोप बहुत गंभीर था. यह आरोप तब और गंभीर हो गया जब चम्पत राय के नाम से खरीदी गई 80 बिस्वा ज़मीन की कीमत भी ट्रस्ट के खाते से दे दी गई.
गंभीर बात यह है कि आरोप लगाने वाले चाहते हैं कि जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में करा ली जाए. जांच सीबीआई से करा ली जाए. जांच ईडी से करा ली जाये. जो आरोप हैं वह काफी गंभीर हैं.
समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक तेज नारायण पाण्डेय उर्फ़ पवन पाण्डेय ने आरोप लगाया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दो करोड़ की ज़मीन 18 करोड़ में खरीदी. यह ज़मीन सिर्फ 10 मिनट में दो करोड़ से 18 करोड़ 50 लाख की हो गई.
इस एग्रीमेंट और बैनामे में ट्रस्टी अनिल मिश्र और मेयर ऋषिकेश उपाध्याय दोनों में ही गवाह हैं.
ट्रस्ट ने कहा “वहाँ ज़मीन महँगी है”
झूठ पकड़ा गया ज़मीन की मालियत 5 करोड़ 80 लाख है ये ज़मीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी को 2 करोड़ में मिल जाती है तो 5 मी. बाद ट्रस्ट को 18.5 करोड़ में क्यों मिली?
क्या 5.50 लाख रु प्रति सेकेंड ज़मीन महँगी हो सकती है? #RamMandirScam pic.twitter.com/iDWsd7MC0H— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) June 13, 2021
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने ज़मीन खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए मामले की जांच सीबीआई और ईडी से कराने की मांग की.
विहिप ने कहा है कि दस्तावेज़ देखकर सच्चाई का पता लगाएंगे. आरोप सही मिले तो इसके खिलाफ आन्दोलन भी किया जायेगा.
ट्रस्ट ने जिस जगह पर ज़मीन खरीदी है वहां पर सर्किल रेट (4800) चार हज़ार आठ सौ रुपये प्रति वर्ग मीटर है. इस हिसाब से ज़मीन की कीमत 79 लाख 84 हज़ार रुपये होती है. हालांकि रामनगरी के आसपास की ज़मीन की कीमत दो हज़ार रुपये वर्ग फुट बताई जाती है. जबकि ट्रस्ट ने जो कीमत अदा की है वह 1423 रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से की है. खरीदी गई ज़मीन का क्षेत्रफल 12080 वर्गमीटर है.
क्या कहते हैं अयोध्या के संत
हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास ने कहा है कि मामले की जाँच में अगर आरोप झूठा निकला तो वह 50 करोड़ की मानहानि का मुकदमा करेंगे.
तपस्वी जी की छावनी के महंत परमहंसाचार्य ने पवन पाण्डेय को आरोप साबित करने की चेतावनी दी है. न साबित कर पाए तो उनके खिलाफ एक हज़ार करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा करेंगे.
हनुमानगढ़ी के महंत गौरी शंकर दास का कहना है कि जो लोग भगवान राम का अस्तित्व नकारते रहे हैं वह अब नया कुचक्र रच रहे हैं.
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास का कहना है कि ट्रस्ट की ईमानदारी पर सवाल उठाना अनर्गल है मगर आरोप की जाँच कराइ जा सकती है ताकि सच सामने आ सके.
मणिरामदास की छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास का कहना है कि जो ज़मीन कौड़ियों के भाव थी वह अब करोड़ों की हो गई है. राम मन्दिर की भव्यता को बढ़ाने के लिए ज़मीन की डील की गई. यह डील पूरी पारदर्शिता से की गई. ट्रस्ट ने कुछ भी गलत नहीं किया.
तिवारी मन्दिर के महंत गिरीश पति त्रिपाठी का कहना है कि राम मन्दिर का फैसला आने के बाद अयोध्या में सम्पन्नता बढ़ गई है. ज़मीनें महंगी हो गई हैं. जिसे यहाँ की सम्पन्नता देखनी है उसे अयोध्या आकर देखना होगा. इसी वजह से ट्रस्ट को यह ज़मीन नौ गुना दाम देकर खरीदनी पड़ी.
महंत भरत दास ने राम मन्दिर निर्माण को राष्ट्र मन्दिर यज्ञ बताते हुए कहा कि यज्ञ में राक्षस बाधा डाल रहे हैं.
क्या कहते हैं तोगड़िया
विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रवीण तोगड़िया राम मन्दिर ट्रस्ट पर ज़मीन घोटाले के आरोप को दुर्भाग्यपूर्ण मानते हैं. वह कहते हैं कि इस इल्जाम की आंच किसी चम्पत राय पर नहीं है क्योंकि इस आरोप ने हिन्दुओं के आन्दोलन की ईमानदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उनका कहना है कि आरोप की सफाई में जो स्पष्टीकरण आया है उससे सहमत होना आसान नहीं है.
तोगड़िया ने कहा कि यह 100 करोड़ हिन्दुओं की आस्था पर सवाल है. वह कहते हैं कि जिस संगठन से वह 32 साल तक जुड़े रहे और जिसका 22 साल तक नेतृत्व किया उस पर सवाल उठा है तो सहन नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि आज वह उस शीर्ष पद पर होते तो जांच कराकर भरोसा सुनिश्चित कर देते. विश्वास का संकट दूर कर देते. हिन्दुओं को जवाब दे सकते.
तोगड़िया ने कहा कि जो तकनीकी और वाजिब सवाल हैं उनका जवाब तो देना ही होगा क्योंकि ट्रस्ट जब कोई ज़मीन खरीदता है तो उसे पहले प्रस्ताव करना होता है. यहाँ तो ज़मीन की एक रजिस्ट्री के 10 मिनट बाद ही दूसरी रजिस्ट्री हो गई तो फिर कब प्रस्ताव आया और कब खरीद-फरोख्त की अनुमति मिली.
प्रवीण तोगड़िया ने माना कि सर्किल रेट से कम पर रजिस्ट्री नहीं हो सकती लेकिन उन्होंने दूसरा सवाल खड़ा किया तो फिर सुलतान अंसारी की रजिस्ट्री दो करोड़ में कैसे हुई. यह रजिस्ट्री क्या सरकार से चीटिंग नहीं थी.
तोगड़िया ने यह सवाल भी पूछा है कि कोरोना महामारी के दौर में जब लोगों के पास पैसा ही नहीं है और ज़मीन जायदाद के दाम तेज़ी से गिरे हैं तब इस ज़मीन का दाम इतना कैसे बढ़ गया.
प्रियंका गांधी ने बताया अधर्म
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ज़मीन घोटाले को चंदे का दुरुपयोग बताते हुए कहा कि यह अधर्म और पाप है. करोड़ों लोगों ने आस्था और भक्ति के साथ भगवान के चरणों में चढ़ावा चढ़ाया उस चंदे का दुरूपयोग उस आस्था का अपमान है.
करोड़ों लोगों ने आस्था और भक्ति के चलते भगवान के चरणों में चढ़ावा चढ़ाया। उस चंदे का दुरुपयोग अधर्म है, पाप है, उनकी आस्था का अपमान है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 14, 2021
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस घोटाले पर पीएम मोदी से जवाब मांगते हुए इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग की है. उन्होंने कहा की भगवान राम आस्था के प्रतीक हैं. राम मन्दिर के लिए करोड़ों लोगों ने चंदा दिया जिसका दुरूपयोग किया गया. इस धोखाधड़ी में बीजेपी भी शामिल है. चंदे की राशि और खर्च का ऑडिट होना चाहिए.
सुरजेवाला ने कहा है कि आश्चर्य की बात यह है कि 10 मिनट के अंतर पर एक ही ज़मीन की दो रजिस्ट्रियां हुईं. पहली रजिस्ट्री दो करोड़ में और दूसरी रजिस्ट्री साढ़े 18 करोड़ में. दोनों ही रजिस्ट्रियों में अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्र ने बतौर गवाह हस्ताक्षर किये. उन्होंने कहा कि दान की राशि में हुए घोटाले पर प्रधानमन्त्री खामोश हैं.
शिवसेना ने भी उठाये सवाल
शिवसेना सांसद संजय राउत ने भगवान राम और राम मन्दिर की लड़ाई को आस्था का विषय बताते हुए कहा कि कुछ लोगों के लिये यह मामला राजनीतिक हो सकता है. उन्होंने कहा कि जब मन्दिर के लिए न्यास गठित किया गया है तो उसे यह स्पष्ट करना चाहिए कि आरोप सही हैं कि गलत. उन्होंने कहा कि राम मन्दिर के भूमिपूजन में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए थे इसलिए इस बारे में उन्हें भी जवाब देना चाहिए.
संजय राउत ने कहा कि राम मन्दिर के लिए लोगों ने आस्था के साथ दान किया है. खुद शिवसेना ने भी भगवान राम के भव्य मन्दिर निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये का चंदा दिया है. उन्होंने कहा कि राम मन्दिर हमारे लिए आस्था का मुद्दा है लेकिन आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने जो साक्ष्य दिए हैं वह हैरान कर देने वाले हैं.
चम्पत राय का पक्ष : जिन पर हैं आरोप
चम्पत राय का कहना है कि यह ज़मीन अयोध्या के प्रमुख स्थान रेलवे स्टेशन के पास खरीदी गई है. यह ज़मीन बाज़ार मूल्य से बहुत कम कीमत में खरीदी गई है. उनका कहना है कि राजनीतिक लोग विद्वेष में आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या के विकास के लिए बड़ी मात्रा में ज़मीन खरीद रही है. इस वजह से अयोध्या में ज़मीनों के दाम अचानक से आसमान छूने लगे हैं.
ट्रस्ट ने जिस जगह पर ज़मीन खरीदी है वह ठीक उसी जगह पर है जहाँ पर श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के माडल जैसा बन रहे अयोध्या रेलवे स्टेशन का मुख्य द्वार है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला मन्दिर के पक्ष में आने के बाद अयोध्या में ज़मीन की कीमतें 10 गुना से ज्यादा बढ़ गई हैं.
अयोध्या के डीएम की भी सुनिये
अयोध्या के डीएम अनुज कुमार झा का इस मामले में कहना है कि ट्रस्ट ने बिजैसी मोहल्ले में जो ज़मीन खरीदी है वह काफी महत्वपूर्ण स्थान है. यहाँ पर रेलवे स्टेशन का मुख्य द्वार बनेगा. नये प्लान में यही इलाका सबसे बड़ा व्यावसायिक हब बनेगा.
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