जुबिली न्यूज डेस्क
पश्चिम बंगाल की सियासत में कुछ न कुछ हमेशा लगा रहता है। चुनाव खत्म हो गए, ममता बनर्जी की ताशपोशी हो गई, बावजूद अभी तक किसी न किसी मुद्दे पर प्रदेश का सियासी तापमान बढ़ा रहता है।
भाजपा और टीएमसी एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाने के लिए कमर कसे हुए हैं। पहले टीएमसी ने भाजपा को नुकसान पहुंचाया तो अब भाजपा पिछले दिनों भाजपा छोड़ टीएमसी में शामिल हुए मुकुल रॉय की विधायकी छीनने की कोशिश में जुट गई है।
नंदीग्राम से बीजेपी विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मुकुल रॉय को करीमनगर विधानसभा सीट से विधायक के रूप में अयोग्य ठहराने की मांग की है।
इसके लिए शुभेन्दु ने विधानसभा स्पीकर को एक अर्जी दी है और विधायक के रूप में उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग की है।
इससे पहले भाजपा नेता अधिकारी ने बताया कि उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा से मुकुल रॉय को अयोग्य ठहराने की अपनी मांग के समर्थन में कागजी कार्रवाई पूरी कर ली।
मालूम हो कि हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर कृष्णानगर उत्तर सीट से विजयी हुए हैं। मुकुल रॉय हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर कृष्णानगर उत्तर सीट से विजयी हुए थे और 11 जून को वह वापस तृणमूल में लौट आए। वह 2017 में टीएमसी छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे।
यह भी पढ़ें : यूपी बोर्ड ने जारी की मार्किंग स्कीम, जानें कैसे बनेगा रिजल्ट
यह भी पढ़ें : ब्लैक फंगस के मामलों ने बढ़ाई चिंता, मुंबई में 3 बच्चों को गंवानी पड़ी आंख
यह भी पढ़ें : छह दिन किया हाईकमान का इंतजार फिर पायलट ने थाम लिया स्टेयरिंग
वहीं भाजपा के इस मांग पर तृणमूल कांग्रेस ने पलटवार करते हुए उनसे सवाल किया कि क्या शुभेन्दु अधिकारी ने अपने पिता शिशिर अधिकारी को लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने को कहा है जो पार्टी बदल कर बीजेपी में शामिल हो गए थे।
तृणमूल की राज्य इकाई के महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि कानून अपना काम करेगा लेकिन शुभेंदु अधिकारी को इस मुद्दे पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है।
घोष ने कहा कि शुभेंदु को ऐसी मांगें करने से पहले आईना देखना चाहिए। क्या उन्होंने कभी अपने पिता शिशिर अधिकारी को लोकसभा की सदस्यता छोडऩे के लिए कहा है, जो उन्होंने कांथी क्षेत्र से तृणमूल टिकट पर जीता था?
इधर, कलकत्ता हाई कोर्ट ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नंदीग्राम विधानसभा सीट से निर्वाचन को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की याचिका पर सुनवाई 24 जून तक के लिए स्थगित कर दी है।
यह भी पढ़ें : 10वीं-11वीं के नंबरों से तय होगा CBSC 12वीं का रिजल्ट, 31 जुलाई को घोषित होंगे नतीजे
यह भी पढ़ें : रोनाल्डो की राह पर चला ये फुटबॉलर, हटाई बीयर की बॉटल, देखें वीडियो
यह भी पढ़ें : राजस्थान : अब बीजेपी में वसुंधरा को लेकर शुरू हुई तकरार
ममता बनर्जी के वकील ने न्यायमूर्ति कौशिक चंदा की पीठ के समक्ष शुक्रवार को मामले को पेश किया। न्यायमूर्ति चंदा ने याचिकाकर्ता के वकील को चुनाव याचिका की प्रतियां प्रतिवादियों को देने को कहा और मामले पर अगली सुनवाई के लिए गुरुवार का दिन तय किया।
टीएमसी प्रमुख बनर्जी ने अपनी याचिका में बीजेपी विधायक अधिकारी पर जन प्रतिनिधि कानून, 1951 की धारा 123 के तहत भ्रष्ट आचरण करने का आरोप लगाया। बनर्जी ने याचिका में यह भी दावा किया कि मतगणना प्रक्रिया में विसंगतियां थीं।