जुबिली न्यूज डेस्क
कांग्रेस की मुश्किलों का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पंजाब, राजस्थान, केरल और महाराष्ट्र के बाद अब असम में कांग्रेस के भीतर घमासान की खबरें आ रही है।
असम में जीत के महज डेढ़ महीने में ही कांग्रेस विधायक रूपज्योति कुर्मी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। वह अगले सप्ताह सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे।
पंजाब, राजस्थान, केरल से लेकर महाराष्ट्र में आंतरिक कलह का सामना कर रही कांग्रेस को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब असम में उसके विधायक रूपज्योति कुर्मी ने पार्टी हाईकमान पर गंभीर आरोप लगाकर इस्तीफा दे दिया।
जोरहाट जिले की मरियानी सीट से जीतने वाले रूपज्योति कुर्मी ने लगातार चौथी बार विधायक के रूप में जीतने के महज डेढ़ महीने बाद ही अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी को सौंप दिया।
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इस दौरान उनके साथ बीजेपी के दो विधायक संसदीय कार्य मंत्री पीयूष हजारिका और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के राजनीतिक सचिव जयंत मल्ला बरुआ भी थे। ये दोनों विधायक पहले कांग्रेस में थे और साल 2015 में सरमा के साथ भाजपा में शामिल हुए थे।
इससे पहले कुर्मी ने पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफा देने की बात कही है। कांग्रेस विधायक रूपज्योति कुर्मी ने राहुल गांधी के नेतृत्व पर भी सवाल उठाया था।
विधायक ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान अपने युवा नेताओं की बजाय बुजुर्ग नेताओं को प्राथमिकता देता है और इसी वजह से सभी राज्यों में पार्टी की स्थिति खराब हो गई है।
I’m leaving Congress as High Command in Delhi & Guwahati leaders give priority to elderly leaders only. We’d told them Congress has good chance of coming to power this time & we shouldn’t forge alliance with AIUDF as it would be a mistake. It indeed was: Assam MLA Rupjyoti Kurmi pic.twitter.com/kknIWOHUzM
— ANI (@ANI) June 18, 2021
रूपज्योति कुर्मी ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी आगे नहीं बढ़ पाएगी, क्योंकि वह नेतृत्व करने में समक्ष नहीं हैं। अगर वह पार्टी के शीर्ष पर रहते हैं तो कांग्रेस आगे नहीं बढ़ेगी।
विधायक ने कहा कि मैं कांग्रेस इसलिए छोड़ रहा हूं क्योंकि दिल्ली में आलाकमान और गुवाहाटी के नेता बुजुर्ग नेताओं को ही प्राथमिकता देते हैं। हमने उनसे कहा था कि कांग्रेस के पास इस बार सत्ता में आने का अच्छा मौका है और हमें एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह एक गलती होगी और वास्तव में यही हुआ।
मालूम हो कि कांग्रेस में दिल्ली से लेकर राज्यों तक में रार मची हुई है। पंजाब कांग्रेस में अब भी रार जारी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है।
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वहीं राजस्थान में भी पायलट गुट और गहलोत गुट के बीच विवाद चल ही रहा है तो मुंबई कांग्रेस में भी आपसी कलह की खबर है क्योंकि पार्टी के एक विधायक जीशान सिद्दीकी ने मुंबई कांग्रेस के चीफ भाई जगताप के खिलाफ सोनिया गांधी को लेटर लिखा है।