जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। यूपीए सरकार में रहे केंद्रीय मंत्री रह चुके जितिन प्रसाद ने अपना हाथ अब कांग्रेस पार्टी से खींच लिया है। जितिन प्रसाद ने बुधवार की दोपहर कांग्रेस पार्टी से किनारा कर बीजेपी का दामन थाम लिया है। उनके जाने से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है क्योंकि अगले साल उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव है।
हालांकि कांग्रेस के बड़े नेताओं को लगता है कि उनके जाने से कोई खास फर्क कांग्रेस को नहीं पड़ेगा लेकिन जितिन प्रसाद भी राहुल गांधी के करीबी बताये जाते थे।
अगर देखा जाये तो कभी कांग्रेस पार्टी में चार ऐसे नेता हुआ करते थे जो राहुल गांधी के खास बताये जाते थे लेकिन इसमें दो नेताओं ने अब राहुल गांधी का साथ छोड़ बीजेपी के पाले में जा पहुंचे हैं।
चार नेताओं की बात की जाये तो इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, सचिन पायलट और मिलिंद देवड़ा का नाम शामिल है। ऐसे में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद जितिन प्रसाद ने कांग्रेस से किनारा कर लिया है। अब बड़ा सवाल है कि अगला नम्बर किसका है जो आने वाले वक्त में राहुल से किनारा कर सकते हैं।
सचिन पायलट और मिलिंद देवड़ा को लेकर कयासों का दौर जारी है। बात अगर सचिन पायलट की जाये तो उन्होंने अब तक कोई संकेत नहीं दिया है लेकिन उनकी नाराजगी किसी से छुपी नहीं है।
गहलोत बनाम पायलट के बीच विवाद को किसी तरह से कांग्रेस ने समय रहते सुलक्षा लिया था लेकिन राहुल गांधी के करीबी सचिन पायलट उनसे किए गए वादे 10 महीने गुजरने के बावजूद कांग्रेस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इस वजह से पायलट समर्थकों में भारी नाराजगी है।
जितिन की खबर आने के बाद सचिन पायलट ट्विटर पर भी टॉप ट्रेंड में बने हुए हैं. देखना ये है कि सचिन पायलट को पार्टी अपने साथ कैसे साधकर रखती है? ऐसे में कांग्रेस हाईकमान पर दबाव बढ़ गया है।
अब देखना होगा कि सचिन पायलट गुट को कांग्रेस कैसे मनाती है। वहीं मिलिंद देवड़ा भी राहुल गांधी के करीबी बताये जाते हैं लेकिन उनके तेवर भी सख्त नजर आ रहे हैं।
ऐसे में उत्तर प्रदेश में अगले साल चुनाव होना है और कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि वो अपने कुनबे को कैसे संभाले।