जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के लिए आजकल कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा है। राज्यों में उसकी सरकारे गिने-चुने जगह रह गई है।
इतना ही नहीं बीजेपी लगातार अपना दबदबा कायम कर रही है। आलम तो यह है कि मौजूदा समय में कांग्रेस के कुनबे में दरार देखी जा सकती है। कई बड़े नेता कांग्रेस से अब अपना हाथ खींचते नजर आ रहे हैं। जितिन प्रसाद इसका ताजा उदाहरण है।
दरअसल उत्तर प्रदेश में अगले साल विधान सभा चुनाव होना है ऐसे में जितिन प्रसाद का कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होना बड़ा झटका है। बीजेपी ने इससे पहले कभी कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने पाले में कर लिया था।
उनके कांग्रेस छोडऩे का नतीजा यह रहा कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिर गई और शिवराज ने फिर से वहां पर सत्ता संभाल ली। अब जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोडऩे से टीम राहुल कमजोर होती नजर आ रही है। आलम तो यह है कि टीम राहुल के नेता एक-एक करके टूट रहे हैं।
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बिश्नोई ने ट्वीट किया,कि पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और अब जितिन प्रसाद। कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका है क्योंकि हम उन नेताओं को खो रहे हैं जिन्होंने पार्टी को को काफी कुछ दिया और आगे भी दे सकते थे।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा, कि इससे मैं सहमत हूं कि उन्हें कांग्रेस को, खासकर इस मुश्किल समय में नहीं छोडऩा चाहिए था। परंतु कांग्रेस को जन नेताओं की पहचान करके उन्हें मजबूत करना चाहिए ताकि राज्यों में फिर से जीत हासिल की जा सके।
वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जितिन प्रसाद का बीजेपी में स्वागत किया है। मेरा छोटा भाई अब पार्टी में शामिल हो गया है और मैं उसका पूरे दिल से स्वागत करता हूं।
जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोडऩे पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा है कि जाने वाले जाते हैं, हम उन्हें रोक नहीं सकते। खडग़े ने कहा कि यह उनका (जितिन) का फैसला था, उनका यहां (कांग्रेस पार्टी) भविष्य भी था। हालांकि, उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
वहीं, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, जिन्होंने मार्च-अप्रैल बंगाल चुनावों के दौरान जितिन प्रसाद के साथ मिलकर काम किया, ने कहा कि वह जितिन को एक अच्छे इंसान के रूप में जानते हैं। वह हमारी पार्टी के लिए एक प्रमुख ब्राह्मण चेहरा थे। वह हरियाली के लिए भाजपा में शामिल हुए होंगे।