जुबिली न्यूज़ डेस्क
भोपाल। मध्यप्रदेश में सिस्टम के लिए लंबे समय से परेशानी बन रही बेलगाम लालफीताशाही पर गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की टेढ़ी नजर पड़ गई है। इसका नमूना लंबे समय बाद मंत्रालय में सम्पन्न हुई कैबिनेट बैठक में देखने को मिला, जब गृहमंत्री ने सिंचाई के दो मेगा प्रोजेक्ट पर आपत्ति ली और 8800 करोड़ रुपये की दो और एक अन्य परियोजना को छूट देने पर नाराजगी जाहिर कर दी।
सीएम शिवराज के सामने चली लंबी चर्चा में अफसर गृहमंत्री को संतुष्ट नहीं कर सके, और उन्होंने बार बार भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाकर कई सवाल खड़े किए। लेकिन इसके बाद भी बाकी के मंत्रियों की मंशा के अनुरूप संबंधित प्रोजेक्ट को पास कर दिया गया।
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दरअसल कैबिनेट में 8800 करोड़ रुपये के दो मेगा सिंचाई प्रोजेक्ट का प्रस्ताव आया। इन परियोजनाओं में बजट लिमिट को आगे बढ़ाने की छूट का भी प्रस्ताव रखा गया। इस पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सवाल उठाया। डॉ. नरोत्तम ने संबंधित परियोजनाओं में भ्रष्टाचार की शिकायतों का भी जिक्र किया, और इस छूट को गलत बताया।
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हालांकि संबंधित विभाग सीएम शिवराज के पास है, लेकिन वह इस मामले पर चुप्पी साधे रहे और नरोत्तम लगातार अफसरों से जवाब सवाल करते रहे। इस बीच कमल पटेल और गोपाल भार्गव ने भी मिश्रा का समर्थन किया, लेकिन बाकी के मंत्रियों ने प्रोजेक्ट का समर्थन कर इसे पास करवा दिया।
इस विवाद के बाद नरोत्तम कैबिनेट बैठक छोड़कर बाहर निकल गए, और उसकी ब्रीफिंग भी नहीं की गई। बाद में नरोत्तम सीधे भाजपा कार्यालय पहुंचे, जहां उन्हें मनाने वीडी शर्मा और तुलसी सिलावट पहुंच गए। इस घटनाक्रम के अगले दिन नरोत्तम मीडिया से भी रूबरू हुए और उन्होंने कहा, कि वह किसी से नाराज नहीं है बस उन्होंने संबंधित परियोजनाओं को लेकर अपना सुझाव दिया था।