जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। आगरा के श्री पारस अस्पताल का कथित मॉक ड्रिल का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन सहित सूबे के राजनीतिक गलियारों में भी हड़कंप मचा दिया है।
हालांकि मामले की गम्भीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने देर किये बगैर मामले की जांच के आदेश दे डाले हैं। उधर इस मामले पर समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सूबे की योगी सरकार को निशाने पर लिया है।
उन्होंने इस पूरी घटना पर दुख जताया है और योगी सरकार को नसीहत दे डाली है। उन्होंने एक ट्वीट के माध्यम से योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि आगरा के एक अस्पताल में ऑक्सीजन मॉकड्रिल में 22 लोगों की मौत की ख़बर बेहद दुःखद है। दिवंगतों को श्रद्धांजलि! ये घटना उत्तर प्रदेश की ‘चिकित्सा व्यवस्था’ पर एक बड़ा धब्बा है। शासन-प्रशासन द्वारा इस मामले को दबाना घोर आपराधिक कृत्य है। उप्र की भाजपा सरकार अब अपने ख़िलाफ़ FIR करे।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के आगरा में पारस अस्पताल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन के वायरल वीडियो की जांच के आदेश दिये गये हैं वायरल वीडियो में डॉ. जैन की आक्सीजन की कमी का हवाला देते हुये कह रहे हैं कि माक ड्रिल के जरिये यह पता करते है कि पांच मिनट के लिये आक्सीजन आपूर्ति बाधित करने से कितने मरीजों की जान पर संकट आ सकता है।
इस वायरल वीडियो पर गंभीर रूख अपनाते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दिये हैं। अस्पताल में भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया जा रहा है जिसके बाद अस्पताल को सील किया जा सकता है।
डा. जैन ने वायरल वीडियो को साजिश बताते हुये कहा कि माक ड्रिल से उनकी मंशा अस्पताल में भर्ती मरीजों का आक्सीजन स्तर मापना था कि किस मरीज को कितनी मात्रा में आक्सीजन की जरूरत हो सकती है क्योंकि उस अवधि में आक्सीजन का संकट था।
वीडियो में डा. जैन कह रहे है ” 25-26 अप्रैल को जब कोविड पूरे उफान पर था, तब मेरे अस्पताल में 96 मरीज थे। आगरा में भी हाल खराब थे।
हमने सोचा- मेरे बॉस अब समझ जाओ… डिस्चार्ज शुरू करो। आक्सीजन कहीं नहीं है, आपको बता दूं। कुछ लोग पेंडुलम बने रहे, नहीं जाएंगे-नहीं जाएंगे।
मैंने कहा- छोड़ो, अब छांटो जिनकी आक्सीजन बंद हो सकती है। एक मॉक ड्रिल करके देख लो, समझ जाएंगे, कि कौन मरेगा या नहीं मरेगा।