जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी ने 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में अपनी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड से कोई वेतन नहीं लिया। उन्होंने कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण व्यापार और अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने के कारण स्वेच्छा से अपना पारिश्रमिक छोड़ दिया। कई साल से मुकेश अंबानी सालाना 15 करोड़ रुपये की सैलरी ले रहे थे।
रिलायंस की ताजा वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अंबानी का पारिश्रमिक ‘शून्य’ था। उन्होंने इससे पिछले वित्त वर्ष में कंपनी से 15 करोड़ रुपये का वेतन प्राप्त किया, जो पिछले 15 वर्षों से इस स्तर पर बना हुआ था।
ये भी पढ़े:प्रियंका का सवाल- वैक्सीन बजट के 35000 करोड़ कहां खर्च किए?
ये भी पढ़े: अदालत ने बाबा रामदेव को भेजा समन
अंबानी के चचेरे भाई निखिल और हिताल मेसवानी का पारिश्रमिक 24 करोड़ रुपये पर बरकरार रहा, लेकिन इस बार इसमें 17.28 करोड़ रुपये का कमीशन शामिल है।
ये भी पढ़े:फैबीफ्लू की जमाखोरी का दोषी है गौतम गंभीर फाउंडेशन : ड्रग कंट्रोलर
ये भी पढ़े: भाजपा एमएलसी के बयान से चढ़ा बिहार का सियासी पारा
कार्यकारी निदेशक पी.एम.एस. प्रसाद और पवन कुमार कपिल के पा रिश्रमिक में बढ़ोतरी हुई। प्रसाद को 2020-21 में 11.99 करोड़ रुपये मिले। ये आंकड़ा इससे पिछले वर्ष में 11.15 करोड़ रुपये था। इस तरह कपिल का पारिश्रमिक 4.04 करोड़ रुपये से बढ़कर 4.24 करोड़ रुपये हो गया।
अंबानी की पत्नी नीता, जो कंपनी के बोर्ड में गैर- कार्यकारी निदेशक हैं, को प्रत्येक बैठक के लिए आठ लाख रुपये और 1.65 करोड़ रुपये का कमीशन मिला। इस दौरान सभी स्वतंत्र निदेशकों को 1.65 करोड़ रुपये का कमीशन और 36 लाख रुपये तक बैठक शुल्क मिला।