जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना की पहली लहर से किसी तरह से भारत बाहर आ गया था लेकिन दूसरी लहर इतनी खतरनाक है कि इसमें लगातार मौते हो रही है।
इतना ही नहीं कोरोना की वजह से देश को खूब आर्थिक नुकसान हो रहा है। पिछले साल की इस साल भी कोरोना वायरस ने देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है। आलम तो यह है कि बेरोजगारी चरम पर है। पिछले साल की इस साल भी लोगों की नौकरी चली गई और बेरोजगारी के दलदल में लोग फंसते नजर आ रहे हैं।
अर्थव्यवस्था की टूटी कमर
कोरोना की पहली लहर के बाद भारत की अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर चुनौतियां कम होती नहीं दिख रही हैं। तालाबंदी की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था लगातार कमजोर होती नजर आई है और अब कोरोना महामारी की दूसरी लहर में अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका फिर लगा।वित्तीय वर्ष 2021 में भारत की विकास दर -7.3 प्रतिशत रही जो पिछले चार दशक से अधिक समय में यह सबसे खराब कही जायेगी। सरकार द्वारा सोमवार को जो आंकड़े जारी किये उससे यही पता चल रहा है कि भारत की विकास दर -7.3 प्रतिशत पर लुढक़ी है।
दूसरी लहर में भी बेरोजगारी चरम
कोरोना की दूसरी लहर की वजह से भारत में एक करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हो गए। जबकि कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अबतक करीब 97 फीसदी परिवारों की आय तक घट गई है।
सेंटर फॉर इंडियन इकॉनोमी के अनुसार
सेंटर फॉर इंडियन इकॉनोमी(CMIE ) ने सोमवार को एक आंकड़े के माध्यम से बताया कि देश को कितना आर्थिक नुकसान हुआ है। दरअसल सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन एकोनॉमी (CMIE) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी महेश व्यास ने पीटीआई-भाषा से कहा कि मई के महीने में बेरोजगारी की दर 12 फीसदी तक पहुंच सकती है, जो कि अप्रैल में 8 फीसदी पर थी।
इस आंकड़े में यह भी बताया गया है कि कोरोना की दूसरी लहर में रीब एक करोड़ लोग बेरोजगार हो गए है। हालांकि इसमें आगे कहा गया है कि अब अगर दोबारा चीजे खुल रही है। इससे कुछ दिक्कत कम होगी लेकिन पूरी नहीं।
महेश व्यास की माने तो कोरोना काल में जिन लोगों की नौकरी चली गई है लेकिन दोबारा नौकरी हासिल करना आसान नहीं होगा। इसका कारण भी उन्होंने बताया है। उनके अनुसार इन्फॉर्मल सेक्टर तो कुछ हदतक रिकवर कर रहा है, लेकिन जो फॉर्मल सेक्टर है या अच्छी क्वालिटी की नौकरी है, उस क्षेत्र में वापसी में अभी वक्त है।
कोरोना की पहली लहर यानी साल 2020 के मई में बेरोजगारी की दर 23.5 फीसदी तक पहुंच गई थी। उस समय पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ था। हालांकि दूसरी लहर में लॉकडाउन राज्यों में धीरे-धीरे लगाया गया है और जरूरत के हिसाब से अब खोला भी जा रहा है।
CMIE के आंकड़े
- कोरोना की दूसरी लहर में हुए बेरोजगारी : 10 मिलियन से ज्यादा
- शहरी बेरोजगारी दर (मई) : 14.73%
- ग्रामीण बेरोजगारी दर (मई) : 10.63%
- देशव्यापी बेरोजगारी दर (मई) : 11.90%