जुबिली स्पेशल डेस्क
कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच एक बार फिर रार देखने को मिल रही है। दरअसल मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय के तबादले को लेकर अब राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच तलवारे खींचती नजर आ रही है।
मामला कुछ दिन पूर्व का है जब पीएम मोदी की चक्रवात यास से हुए नुकसान को लेकर बुलाई गई समीक्षा बैठक में सीएम ममता बनर्जी और यहां तक कि मुख्य सचिव समय पर नहीं पहुंचे थे।
इसके बाद केंद्र ने देर किये बगैर मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को दिल्ली तलब कर लिया था और उन्हें आज सुबह 10 बजे नार्थ ब्लॉक में रिपोर्ट करना था लेकिन वो दिल्ली नहीं पहुंचे हैं।
ऐसे में केंद्र सरकार अब उनके खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी में नजर आ रही है। जानकारी मिल रही है कि केंद्र सरकार अब उन पर अनुशासनात्मक कारवाई करने का मन बना लिया है।
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माना जा रहा है कि केंद्र सरकार फौरन बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय एक्सटेंशन को रद्द करने का बड़ा कदम उठा सकती है। बता दें कि राज्य सरकार के कहने पर उनका कार्यकाल तीन महीने बढ़ा दिया था।
ममता सरकार ने दिल्ली जाने की अनुमति नहीं दी
बताया जा रहा है कि अगर कोई अधिकारी राज्य में तैनात है तो उसको सेन्ट्रल डेपुटेशन को कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होती है। ऐसे में राज्य चाहे तो सेंट्रल डेपुटेशन के आदेश को मानने से इनकार कर सकती है।
यही नहीं अगर केंद्र राज्य में तैनात किसी भी अधिकारी को दिल्ली तलब करता है तो ऐसे मामले में भी राज्य सरकार की सहमति जरूरी है। अलपन बंदोपाध्याय को ममता सरकार ने दिल्ली जाने की अनुमति नहीं दी है।
ममता ने लिखा मोदी को पत्र
सीएम ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर यह साफ किया है कि केंद्र इस मामले में एकतरफा फैसला नहीं ले सकता है। उन्होंने केंद्र के इस फैसले को असंवैधानिक और गैरकानूनी करार दिया है।
मोदी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लिखा है- ‘बंगाल सरकार इस महत्वपूर्ण समय पर अपने मुख्य सचिव को नहीं भेज सकती है, और इसलिए नहीं भेज रही है।
उन्होंने कहा है कि हमारी समझ है कि मौजूदा कानूनों के मुताबिक वैध परामर्श के बाद उनका सेवा विस्तार का पूर्व आदेश जारी किया गया है जो वैध है।
कुछ दिन पहले राज्य में कोरोना महामारी से निपटने में मदद के लिए बंदोपाध्याय का कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ाने का केंद्रीय आदेश जारी किया गया था।
अब अलपन बंदोपाध्याय के मामले में केंद्र के पास करवाई के लिए क्या-क्या विकल्प है
- 1- केंद्र अलपन बंदोपाध्याय के तीन महीने के सर्विस एक्सटेंशन को रद्द कर सकता है.
- 2- केंद्र उन्हें एक बार फिर से बुला सकता है।
- 3- केंद्र सरकार अलपन बंदोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस जारी कर ये पूछ सकता है क्यों न उन पर अनुशात्मक करवाई की जाए।
बता दें बीते कुछ दिनों से ममता सरकार और केंद्र सरकार के बीच कई मौकों पर टकराव देखने को मिला है। इतना ही नहीं विधान सभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने ममता सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था लेकिन चुनाव में ममता ने जीत की हैट्रिक लगाकर विरोधियों की बोलती बंद कर दी थी।
अब इस नये मामले में केंद्र सरकार सख्त नजर आ रही है लेकिन ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि अलपन बंदोपाध्याय को दिल्ली जाने की अनुमति नहीं देगी।