जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। भले ही कोरोना की रफ्तार थोड़ी कमजोर पड़ी है लेकिन मई के महीने में कोरोना काफी खतरनाक रहा है। आलम तो यह है कि लोगों की जिंदगी लगातार जाती रही है।
कहा जाये कि कोरोना इस दौरान पीक पर था तो गलत नहीं होगा। एक वक्त ऐसा भी आया जब कोरोना के मामले तीन लाख तक जा पहुंचे थे।
हालांकि अब कोरोना काफी हद तक कमजोर पड़ा है लेकिन कोरोना को देखते हुए मई का महीना काफी खराब कहा जायेगा। जानकारी के मुताबिक मृत्यु दर के हिसाब से साल का सबसे खराब महीना मई रहा है और इस महीने में करीब सवा लाख मरीजों की जिंदगी खत्म हो गई।
मई 2021 में रोजाना औसतन 3,935 मरीजों की जान गई है। जबकि इससे पहले अप्रैल तक यही आंकड़ा 1,631 था।
स्वास्थ्य मंत्रालय के क्या कहते हैं आंकड़े
- मई के पहले 15 दिनों में देश में 58,431 लोगों की जान जा चुकी है
- केस मृत्यु दर के मुताबिक 1.06 प्रतिशत है
हालांकि अगले 14 दिनों में (मई 16-29) देश ने 55,688 नागरिकों को खोया है केस मृत्यु दर के मुताबिक यह आंकड़ा 1.73 प्रतिशत है। एक सच यह भी है कि मई के दूसरे हाफ में (15 मई से पहले की तुलना में) कोरोना मामलों में 42 प्रतिशत की कमी आई।
अगर मई के महीने की बात की जाये तो केस मृत्यु दर काफी अधिक पाया गया है। जानकारी के मुताबिक इस महीने में मृत्यु दर 1.31 प्रतिशत रहा। अगर मार्च की जाये तो 0.52 प्रतिशत रहा था। दूसरी ओर भारत की कुल मृत्यु दर देखें तो वह 1.17 प्रतिशत है।
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