जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. चारा घोटाले में ज़मानत हासिल करने के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को सीबीआई ने फिर राहत दी है. डीएलएफ रिश्वत मामले में लालू यादव के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं. इस मामले की जानकारी अब सामने आयी है जबकि हकीकत यह है कि छानबीन में लालू के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलने पर सीबीआई ने साल 2018 में ही यह फाइल बंद कर दी थी.
लालू यादव पर यह इल्जाम था कि मुम्बई के बांद्रा स्टेशन को अपग्रेड करने और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए डीएलएफ ने तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव को दिल्ली के पाश इलाके में एक सम्पत्ति रिश्वत के तौर पर दी थी. इस सम्पत्ति की कीमत उस समय करीब पांच करोड़ रुपये थी.
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इसके बाद यह बात सामने आयी कि लालू के बच्चो तेजस्वी, चंदा और रागिनी ने वर्ष 2011 में एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के चार लाख रुपये के शेयर खरीदे. बाद में इस कम्पनी द्वारा दिल्ली के पाश इलाके में खरीदी गई उस आवासीय सम्पत्ति के यह लोग उसी शेयर की बदौलत मालिक हो गए. मतलब चार लाख रुपये में पांच करोड़ की सम्पत्ति मिल गई.
यह मामला सीबीआई के सिपुर्द किया गया. सीबीआई ने तफ्तीश की लेकिन कोई सबूत न मिलने पर 2018 में फाइल बंद कर दी.