जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. कुछ लोगों के लिए ज़िन्दगी में पैसे से कीमती कुछ भी नहीं है. पैसे के लिए किसी की जान भी चली जाए तो उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. गांधी जी के गुजरात में नमक और ग्लूकोज़ के ज़रिये बड़ी संख्या में रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार किये गए हैं. मध्य प्रदेश के इंदौर समेत देश भर में यह नकली इंजेक्शन भेजे जा रहे हैं. न जाने कितने बेगुनाहों ने इन इंजेक्शनों की वजह से अपनी जान गँवा दी होगी और डॉक्टर भी समझ नहीं पाए होंगे कि आखिर उनका मरीज़ मर कैसे गया.
इंदौर पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ चार लोगों को हिरासत में लिया तो जो खुलासा हुआ उससे पुलिस अधिकारी भी काँप गए. पकड़े गए युवकों ने बताया कि उन्होंने मुम्बई से रेमडेसिविर इंजेक्शन जैसी 5000 शीशियां और उनके स्टीकर बनवाकर उसमें नमक और ग्लूकोज़ का घोल भर दिया.
यह सभी शीशियां देश के विभिन्न हिस्सों को सप्लाई भी कर दी गईं. पकड़े गए पुनीत शाह, सुनील मिश्रा, कौशल वोहरा और कुलदीप से पूछताछ हुई तो पता चला कि कम समय में ही करोड़पति बनने के लालच में उन्होंने यह काम किया.
इन चारों ने बताया कि कोरोना महामारी के दौर में मरीजों को देने के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन ढूंढे नहीं मिल रहे हैं. इन इंजेक्शनों के लिए लोगों ने हज़ारों रुपये वसूले हैं. 20-20 हज़ार रुपये में एक-एक इंजेक्शन आराम से बिका जा रहा है.
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गुजरात के मोरबी गाँव की एक फैक्ट्री में 5000 इंजेक्शन बनाये गए तो 700 तो सिर्फ इंदौर में ही बिक गए. 500 जबलपुर में बिके. इसके बाद तो इन लोगों ने देश भर में इंजेक्शन सप्लाई किये. इन्हें इतनी अच्छी तरह से तैयार किया गया है कि देखने से नकली और असली की पहचान भी संभव नहीं है.
पुलिस ने पकड़े गए धोखेबाजों को कोर्ट में पेश कर पांच दिन की रिमांड हासिल कर ली है. पुलिस इनसे पूछताछ कर यह पता लगाएगी कि यह नकली इंजेक्शन कहाँ-कहाँ भेजे गए और इससे कितना नुक्सान हुआ.