जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना महामारी के तांडव के बीच देश के कई राज्यों में एक नई मुसीबत ने दस्तक दे दी है। अरब सागर से उठे समुद्री तूफान तौकते ने केरल, कर्नाटक और गोवा के तटीय इलाकों में रविवार को कहर बरपाया। अब यह गुजरात की ओर बढ़ गया है।
समुद्री तूफान तौकते ने तीन राज्यों में खूब तबाही मचायी। भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण प्रभावित राज्यों के हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और सैकड़ों मकान तबाह हो गए।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान तौकते और तीव्र हो सकता है। यह आज या मंगलवार तड़के गुजरात के समुद्री तट से टकरा सकता है।
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आईएमडी ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटों में यह चक्रवात और भी खतरनाक हो सकता है। रविवार को चक्रवात तूफान के कारण केरल, कर्नाटक और गोवा के तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई।
अरब सागर में बना यह चक्रवात अपने साथ भारी बारिश और हवाओं को साथ लेकर आया है, जिससे पश्चिमी और दक्षिणी भारत के कुछ हिस्सों में घरों को नुकसान पहुंचा और कई पेड़ उखड़ गए।
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चक्रवात तूफान से जुड़े हादसों में प्रभावित इलाकों में अब तक छह लोगों की मौत हो गई। सैकड़ों पेड़ उखड़ गए और कच्चे मकानों को भी नुकसान पहुंचा।
इस तूफान की वजह से मरने वाले लोगों में चार कर्नाटक के और दो गोवा के थे। गोवा में तेज हवाओं के साथ हुई भारी बारिश के कारण सैकड़ों पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए. कई इलाकों में बिजली की आपूर्ति बाधित हुई।
इससे पहले, तूफान ने कर्नाटक के तटीय इलाकों में जमकर कहर बरपाया। तटीय इलाकों में 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली और भारी बारिश हुई।
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आईएमडी के अनुसार चक्रवात मंगलवार तड़के पोरबंदर और भावनगर जिले में महुवा के बीच राज्य के तट को पार कर सकता है। इस दौरान 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और भारी बारिश की आशंका है।
मौसम विभाग ने गुजरात और दमन-दीव के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। गुजरात के तटीय इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
महाराष्ट्र में 12 हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया
महाराष्ट्र के कई जिलों में तौकते के कारण भारी बारिश और आंधी देखी जा रही है। तौकते के प्रकोप को देखते हुए महाराष्ट्र के तटीय जिलों रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग और रायगढ़ से जिला प्रशासन ने 12,420 निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है।
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पिछले दो दिनों में सिद्धुदुर्ग में मंदनगढ़, दापोली, राजापुर और रत्नागिरी जैसी तहसीलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। जिला प्रशासन को मौसम के कारण नुकसान होने की, पेड़ गिरने, बिजली और इंटरनेट बाधित होने की शिकायतें मिली हैं। हालांकि, राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ ने कहा कि चक्रवात के कारण किसी के मरने की कोई खबर नहीं है।
कोरोना संकट के बीच मुसीबत
चक्रवाती तूफान के कारण कोरोना महामारी से निपटने की कोशिशों पर भी असर पड़ा है। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने कोविड केयर सेंटर से मरीजों को निकालकर सरकारी अस्पतालों में भर्ती करा दिया है।
रविवार देर शाम तक 603 कोरोना मरीजों को तीन केंद्रों से निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया। बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स से 243, दहिसर से 183 और मुलुंड से 154 मरीजों को निकाला गया। कुछ मरीजों को केंद्र से ही छुट्टी दे दी गई।
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केंद्र सरकार ने तूफान को लेकर शनिवार से ही तैयारी शुरू कर दी थी। वायुसेना के 16 मालवाहक विमान और 18 हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमों को प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है। तूफान के खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उच्च स्तरीय बैठक की थी और तैयारियों का जायजा लिया था।