Saturday - 26 October 2024 - 9:36 PM

इसराइली हमले में अपने ऑफिस ध्वस्त होने पर एपी और अल-जजीरा ने क्या कहा?

जुबिली न्यूज डेस्क

इसराइल ने शनिवार को गजा में स्थित एक बहुमंजिला इमारत को एक हवाई हमले में ध्वस्त कर दिया था, जिसमें अमेरिकी समाचार एजेंसी ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ और कतर के समाचार चैनल ‘अल-जजीरा’ मीडिया संस्थानों के दफ्तर हुआ करते थे।

इन दोनों मीडिया संस्थानों ने इसराइली हमले में अपने दफ्तर के ध्वस्त होने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। द एसोसिएटेड प्रेस ने इसराइल के हमले को ‘भयावह और चौंकाने वाला’ बताया है तो वहीं अल-जजीरा ने कहा है कि इसराइल पत्रकारों को गजा में उनकी ड्यूटी करने से रोक रहा है।

photo : BBC

समाचार एजेंसी AP  ने लिखा है कि शनिवार को इसराइली सेना को कई कॉल कर उन्होंने इस हमले को रोकने की गुजारिश की थी, लेकिन सेना ने उनकी नहीं सुनी।

ये भी पढ़े:  नेपाल में फिर से ओली को मिली सत्ता लेकिन अगले 30 दिन क्या होगा

अपने बयान में AP ने कहा है, ”हमने इसराइली सरकार से अनुरोध किया था कि इस इमारत में हमास के होने का सबूत दें लेकिन उन्होंने नहीं दिया। एपी का ब्यूरो इस इमारत में पिछले 15 सालों से था। हमें आज तक कोई संकेत नहीं मिला कि इस

इमारत में हमास की मौजूदगी है। यह बहुत ही भयावह स्थिति है। गजा में जो कुछ भी हो रहा है अब दुनिया को बहुत कम पता चलेगा लेकिन हमारे दफ्तर तबाह कर दिए गए हैं।”

एपी ने अपने रिपोर्ट में लिखा है कि ‘शनिवार को जिस समय इसराइल ने हमले की सूचना दी, तब हमारे 12 पत्रकार गजा ब्यूरो में काम कर रहे थे। इसराइली सेना ने इमारत खाली करने के लिए सिर्फ एक घंटे का समय दिया था। हालांकि, सौभाग्य से हमारे सभी पत्रकार साथी अपनी जरूरत का थोड़ा बहुत सामान लेकर दफ्तर से निकलने में सफल रहे, जिसके कुछ ही देर बाद इसराइल की तीन मिसाइलें उस 12 मंजिला इमारत से टकराईं और देखते ही देखते उसे धुएं के गुबार में तब्दील कर दिया।’

वहीं प्रेस की स्वतंत्रता की वकालत करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने इसराइल के इस हमले की कड़ी निंदा की है। इन संस्थाओं ने इसराइली सेना पर आरोप लगाया है कि वो मीडिया के काम को सेंसर करने की कोशिश कर रही है ताकि उसके द्वारा किए जा रहे कथित युद्ध अपराधों के बारे में दुनिया को नहीं बताया जा सके।

ये भी पढ़े:  कोरोना : भारत में बीते 24 घंटे में चार हजार से अधिक की मौत

ये भी पढ़े:   कोरोना वैक्सीन : भारत में जल्द आएगा स्पूतनिक V का लाइट वर्जन

photo : BBC

वहीं इस हवाई हमले को लेकर इसराइली सेना ने दावा किया कि जिस बहुमंजिला इमारत को उसने गिराया है, जिसमें मीडिया संस्थानों के दफ्तर और कुछ लोगों के घर भी थे, उसी इमारत में किसी एक माले पर चरमपंथी संगठन हमास की सैन्य खुफिया टीम बैठती थी।

ये भी पढ़े: भारत में कोरोना की स्थिति बेहद चिंताजनक : WHO 

ये भी पढ़े:  भारत ने कोविशील्ड वैक्सीन डोज का गैप बढ़ाया तो ब्रिटेन ने घटाया

इस हमले को लेकर समाचार चैनल ‘अल-जजीरा’ ने कहा है, “अल-जला नाम की इस बिल्डिंग में, जहां कई दफ्तर थे और बहुत से लोगों के घर भी थे, उसे खाली करने के लिए इसराइली फौज ने सिर्फ एक घंटे का समय दिया। फोन के जरिए इसकी सूचना दी गई थी। जब हमने कहा कि हमें थोड़ा और समय दिया जाए, तो उन्होंने कहा कि वो इस बारे में कुछ नहीं कर सकते।”

अल-जजीरा मीडिया नेटवर्क के कार्यवाहक महानिदेशक डॉक्टर मुस्तफा सुआग ने कहा, “हम चाहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बर्बर हमले की निंदा करे जो मीडिया को निशाना बनाने के लिए किया गया। हम चाहते हैं कि इस हमले को लेकर इसराइल के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इसराइल मीडिया को चुप कराना चाहता है। वो चाहता है कि मीडिया गजा के लोगों की तकलीफों पर बात ना करे।”

ये भी पढ़े:   दिल्ली में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बैंक शुरु, कोरोना मरीजों को दो… 

ये भी पढ़े:  विश्वास की खरी-खरी, कहा-सांस ही तो मांगी थी, कौन सा राफेल मांगा था

उन्होंने कहा, “अल-जला इमारत पर हमला मानवाधिकारों का उल्लंघन है। यह जघन्य अपराध है। इसराइली सेना जानती थी कि इस इमारत को ना सिर्फ़ अल-जजीरा, बल्कि कई अन्य अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान वर्षों से अपने स्थानीय हेडक्वार्टर के तौर पर इस्तेमाल कर रहे थे और यह जानते हुए भी उसने इस इमारत को निशाना बनाया। पत्रकारिता कोई जुर्म नहीं, जिसके लिए इसराइल ऐसी सजा देने की कोशिश करे।” साभार : बीबीसी

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com