जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. कोरोना काल में जहाँ तमाम राज्य सरकारें संसाधनों की कमी को लेकर केन्द्र सरकार पर ठीकरा फोड़ने में लगी हैं वहीं कोरोना संक्रमण को अपने शानदार मैनेजमेंट के ज़रिये कंट्रोल करने वाली केरल सरकार ने एक बार फिर तमाम राज्य सरकारों के सामने एक नजीर पेश कर दी है. केरल सरकार ने इस्तेमाल न होने वाली रेमडेसिविर इंजेक्शन की एक लाख शीशियां केन्द्र सरकार को वापस लौटा दी हैं.
देश के कई राज्यों में इस इंजेक्शन को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. ऐसे दौर में बची हुई एक लाख शीशियां इस आशय से लौटा देना कि उनका दूसरे ज़रूरतमंद राज्य इस्तेमाल कर लें वास्तव में एक शानदार नजीर है.
कोरोना संक्रमण के दौर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की ज़बरदस्त मांग है. इसे प्रिंट रेट से कई गुना दाम पर बेचा जा रहा है. ऑनलाइन यह इंजेक्शन बेचने वाले धोखाधड़ी पर उतारू हैं और नकली इंजेक्शन सप्लाई कर मरीजों की जन लेने पर तुले हैं. सरकार ने इस इंजेक्शन में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों पर सीमा शुल्क भी माफ़ कर दिया है ताकि इनके दामों पर लगाम लगाई जा सके.
यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश में संक्रमण के मामले घटे, रिकवरी रेट बढ़ा
यह भी पढ़ें : कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी का दावा, भारत में गुज़र गया कोरोना का पीक मगर …
यह भी पढ़ें : धोनी ने उगाये शानदार फल मगर कोरोना ने दिया कौड़ियों का बाज़ार
यह भी पढ़ें : गंगा-जमुनी तहज़ीब को रिपेयर करने में लगे थे वक़ार रिज़वी
केरल सरकार ने निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमण के इलाज की दरें तय कर दी हैं ताकि मरीजों को परेशान न होना पड़े. केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों के लिए 16 मई तक के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन का कोटा आवंटित कर दिया था ताकि राज्यों को दिक्कत नहीं आये. केरल ने बचे हुए एक लाख इंजेक्शन केन्द्र को लौटा दिए हैं.