जुबिली न्यूज डेस्क
देश में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है। लगभग सभी राज्य इसकी चपेट में है। महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात और यूपी के बाद बिहार में कोरोना का रौद्र रूप दिखने लगा है।
बिहार में अलग अलग इलाकों से ऐसे तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे है जोकि आम जनता का दर्द बयां कर रहे हैं और कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकारी दावों की पोल खोल रहे हैं।
इस बीच कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच पटना हाईकोर्ट ने एक बार बिहार सरकार को फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने मंगलवार को कोरोना मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के कोरोना से निपटने में असफल होने पर नाराजगी जताई। अदालत ने कहा कि बार-बार आदेश के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं होना शर्म की बात है।
इसके साथ ही काफी तल्ख टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि इस स्थिति में तो राज्य में कोविड प्रबंधन की जिम्मेदारी सेना को सौंप देनी चाहिए। इस टिप्पणी के साथ ही हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई छह मई तक के लिए स्थगित कर दी। अब इस मामले में सुनवाई छह मई को होगी। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो दिन के अंदर कोरोना पर एक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने पटना हाईकोर्ट को प्रदेश में लॉकडाउन लगाने के निर्णय की जानकारी दी। मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस सीएस सिंह की खंडपीठ को राज्य सरकार ने बताया कि पूरे बिहार में 5 मई से लेकर 15 मई तक लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया गया है।
अदालत ने कोरोना नियंत्रण के हालात पर नाराजगी व्यक्त करते हुए यहां तक कहा कि हमारी नज़र में आप लोग फेल हो रहे हैं तो क्यों नहीं सेना को बिहार की कोविड प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंप दी जाए। ऑब्जर्वेशन के दौरान ये सवाल उठाया गया था, जिस पर सरकार ने अपना पक्ष रखा कि आप किस आधार पर कोविड मैनेजमेंट की जिम्मेदारी सेना को देने की बात कर रहे हैं? अगर यहां जमीनी हकीकत सही है तो क्या आपके नहीं लगने से आप ये जिम्मेदारी सेना को सौंप सकते हैं?’
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अंत में अदालत ने कहा कि अभी इस विषय को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। पहले आप अपनी सारी डिटेल सौंप दें। उसके बाद इस पर विचार किया जायेगा। एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने बताया कि अभी उन्हें डिटेल फाइल करने के लिए कहा गया है। इसके लिए उनके पास कल तक का समय है। छह मई को इस पर आगे की कार्यवाही होगी।