जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना के बढ़ते मामलों और तालाबंदी की आशंका में एक बाद फिर अप्रवासी मजदूरों का अपने गांव लौटने का सिलसिला शुरु हो गया है। इस सब को देखते हुए बिहार सरकार ने भी अपनी तैयारी शुरु कर दी है।
बिहार में दूसरे राज्यों से आने वाले हर व्यक्ति की कोरोना जांच होगी। सबसे बड़ी बात यह है कि जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उन्हें कुछ दिनों तक अलग रखा जाएगा।
बिहार में पिछले कुछ समय से कोरोना के मामलों में काफी कमी आ गयी थी, लेकिन एक बार फिर से मामले बढऩे लगे हैं।
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मालूम हो देश के आठ राज्यों में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में तेजी से उछाल आया है। कई राज्यों में रात में कर्फ्यू भी शुरु हो गया है। तालाबंदी की भी आंशका व्यक्त की जा रही है। इसकी वजह से लोग अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि कई राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। इसके कारण काम बंद होगा तो एक बार फिर लोग वापस अपने प्रदेश आएंगे। इसीलिए उनके लिए क्वारंटाइन सेंटर के साथ-साथ उनके रोजगार का भी प्रबंध किया जा रहा है।
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गुरुवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में उनसे मुलाकात करने आये 2019 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के बिहार कैडर के 11 प्रशिक्षु पदाधिकारियों से ये बातें कहीं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण में भारत की औसत मृत्यु दर 1.3 है, जबकि बिहार की 0.5 है। टेस्टिंग के मामले में प्रति दस लाख की संख्या पर देश की औसत जांच दर से बिहार में आठ हजार ज्यादा जांच कराई गयी।