जुबिली न्यूज डेस्क
जब घर में कोई समस्या आती है तो अक्सर जानकार कहते हैं कि कोई वास्तु दोष तो नहीं है। दरअसल जाने-अनजाने में हम अक्सर ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो वास्तु दोष का कारण बनती हैं।
जानकारों के मुताबिक घर में वास्तु दोष होने पर आर्थिक तंगी, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों समेत पारिवारिक कलह तक का सामना करना पड़ सकता है।
कई बार हम जाने-अनजाने में हम जूते-चप्पल ऐसी जगहों पर भी पहनकर चले जाते हैं, जिससे वास्तु दोष होता है। शास्त्रों में पांच ऐसी जगहों के बारे में बताया है कि जहां जूते-चप्पल पहनकर जाने से अशुभ होता है।
इस गलती के कारण अक्सर लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। तो चलिए जानते हैं कि किन जगहों पर भूलकर भी नहीं पहनकर जाने चाहिए जूते-चप्पल।
मंदिर
हिंदू धर्म में मंदिर को भगवान का घर कहा जाता है। इसीलिए मंदिर में कभी भी जूते-चप्पल पहनकर नहीं जाना चाहिए। मान्यता है कि मंदिर में जूते-चप्पल पहनकर जाने से देवी-देवता नाराज हो जाते हैं।
पवित्र नदी
वास्तु शास्त्र के अनुसार पवित्र नदी के पास जूते-चप्पल पहनकर कभी नहीं जाना चाहिए। नदियों में स्नान करने से पहले जूते-चप्पल या चमड़े से बनी वस्तुएं निकाल देनी चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
भंडार घर
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, भंडार घर में जूते-चप्पल पहनकर नहीं जाने चाहिए। इस बात का ध्यान रखने से घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है।
तिजोरी
तिजोरी में कुछ रखने जाने से पहले जूते-चप्पल को निकाल देना चाहिए। जानकारों के मुताबिक तिजोरी को जूते-चप्पल पहनकर खोलने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं, जिसकी वजह से आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
रसोई घर
हम सबने अपने बड़े बुजुर्गों से सुना होगा कि पहले रसोई में कोई भी चप्पल पहनकर नहीं जाता था। अब न तो पहले जैसी रसोई है और न ही लोग।
मान्यता है कि रसोई में जूते-चप्पल पहनकर जाने से मां अन्नपूर्णा नाराज होती हैं और जातक को जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसीलिए इससे बचें।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)