Tuesday - 29 October 2024 - 11:00 AM

कोरोना महामारी ने छीना चोरों का काम

जुबिली न्यूज डेस्क

कोरोना महामारी ने दुनिया के अधिकांश देशों को नुकसान पहुंचाया है। महामारी की वजह से जहां लाखों-करोड़ों लोगों की नौकरियां चली गईं तो वहीं इसकी वजह से घरों में सेंध मारने वाले चोर भी इसकी वजह से परेशान हैं।

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पिछले एक साल में दुनिया भर के लोगों ने कई महीने लंबे लॉकडाउन झेले हैं। इस दौरान लाखों-करोड़ों नौकरीपेशा लोगों को उनकी कंपनियों ने ‘वर्क फ्रॉम होम’ यानि घर से काम करने का विकल्प भी दिया।

साभार : डीडब्ल्यू

इसका परिणाम यह हुआ कि अधिकतर लोगों ने घर में ही रहकर नौकरी की। अब भी बहुत सारे लोग घर से ही काम कर रहे हैं।

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फिलहाल वर्क फ्रॉम होम का एक असर ये भी हुआ कि चोरों को लोगों के घर में सेंध मारने का मौका नहीं मिला। जर्मनी में ऐसा ही हुआ है। यहां ऐतिहासिक रूप से चोरी की घटनाओं में कमी आई।

दरअसल जर्मनी में ज्यादातर परिवार घरों में चोरी के समय होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए पहले से ही बीमा करवाते हैं। जर्मनी की बीमा कंपनियों के मुताबिक बीते एक साल में उनके पास घर में सेंध लगने के कारण बीमा के दावे सबसे कम दर्ज हुए हैं।

जर्मन बीमा उद्योग संगठन जीडीवी ने बताया है कि जब से बीमा का रिकार्ड दर्ज किया जाना शुरु हुआ तबसे अब तक सबसे कम दावे पिछले साल ही आए थे।

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आंकड़ों के मुताबिक 2020 में जर्मनी में सेंधमारी के 85,000 मामलों के लिए लोगों ने दावे किए। जीडीवी ने पिछले साल की रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि यह संख्या एक साल पहले के मुकाबले 10,000 कम थे।

जर्मनी में ऐसे आंकड़े दर्ज किए जाने की शुरुआत वर्ष 1998 में हुई थी। जीडीवी प्रमुख यॉर्ग आसमुसेन ने कहा, ” कोरोना महामारी के कारण लोग अधिक समय घरों में रहे। इस वजह से सेंधमारी की घटनाओं में कमी आई।”

आसमुसेन ने कहा, “घरों में लोगों के रहने की वजह से चोरों को अपने कारनामे के लिए ज्यादा मौका ही नहीं मिल पाया।”

बीमा संगठन के मुताबिक साल 2020 में उन्हें 23 करोड़ यूरो (करीब 27 करोड़ डॉलर) के दावे पेश किए गए। यह राशि इसके पीछे के साल के मुकाबले 7 करोड़ यूरो कम थी। व्यक्तिगत बीमा के औसत दावे भी करीब 10 फीसदी कम किए गए।

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हालांकि एक सच्चाई यह भी है कि जर्मनी के सभी सोलह राज्यों में साल दर साल बीमा के दावों में कमी का ट्रेंड बीते कई सालों से देखा गया है।

कोरोना महामारी के आने से पहले ही सेंधमार चोरी में लगातार थोड़ी थोड़ी गिरावट आने लगी थी। 2015 से ही जर्मनी के हर इलाके में ऐसी चोरियां कम होने लगी थीं। कई घरों और अपार्टमेंटों को सुरक्षित बनाने में अब पहले से कहीं ज्यादा निवेश किया जाने लगा है।

जीडीवी प्रमुख का मानना है कि “वह निवेश असर दिखा रहा है।” उन्होंने बताया कि आधे की करीब सेंध की कोशिशें नाकाम रहीं क्योंकि चोर जल्दी से जल्दी घर के अंदर नहीं घुस सके।

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इसके पहले जर्मनी में साल 2008 से 2015 के बीच सेंध मार कर की जाने वाली चोरियों में लगातार बढ़ोत्तरी दर्ज हुई थी। साल 2015 में एक साल में चोरी के बाद के बीमा दावे 167,136 पर पहुंच गए थे। यह पिछले साल के मुकाबले लगभग दोगुनी संख्या थी।

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