जुबिली न्यूज़ डेस्क
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने आवास पर घरेलू हिंसा पर कठोर कानून बनाने के संबंध में बैठक की। इस बैठक में उन्होंने प्रदेश में मार्च माह में अंग-भंग के जघन्य अपराध से प्रभावित तीनों महिलाओं को चार-चार लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने की बात कही।
उन्होंने कहा कि पति या परिवार के निकटतम व्यक्ति द्वारा घर की महिला पर हिंसा मूलत विश्वास की हत्या है। जिस पर महिला की सुरक्षा और संरक्षण का दायित्व है, यदि वही आक्रांता और अत्याचारी हो जाएगा तो महिला का भरोसा किस पर रहेगा। प्रदेश में हुई हाथ काटने की घटनाएँ घोर निंदनीय है। ऐसा अत्याचार करने वाले व्यक्ति समझ लें कि सरकार हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठी रहेगी।
कठोरतम सजा के लिए कड़े प्रावधान किए जाएंगे और पीड़ित महिलाओं की सहायता के लिए भी हर संभव व्यवस्था की जाएगी। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव विधि सत्येन्द्र कुमार सिंह, प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास अशोक शाह उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि घरेलू हिंसा में महिला के अंग-भंग की स्थिति में अधिक कठोर दंड का प्रावधान किया जाएगा। राज्य शासन महिलाओं के प्रति संवेदनशील है। अंग-भंग से प्रभावित महिलाओं की सहायता और क्षतिपूर्ति के लिए विशेष योजना लागू की जाएगी। साथ ही घरेलू हिंसा के सामान्य प्रकरणों में त्वरित और कठोर कार्रवाई के लिए व्यवस्था को अधिक संवेदनशील बनाया जाएगा।
700 थानों में महिला डेस्क स्थापित होगी
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महिलाओं की सहायता के लिए प्रदेश के 700 थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की जाएगी। इन थानों में महिला अधिकारी पदस्थ होंगी तथा पीड़ित महिलाएँ आसानी से अपनी रिपोर्ट दर्ज करा सकें, इसके लिए प्रत्येक थाने का अलग मोबाइल नंबर दिया जाएगा।