जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने योगी सरकार के चार साल के कार्यकाल को स्वर्णिम करार देते हुए कहा कि अब यह प्रदेश हर क्षेत्र में तरक्की के नये कीर्तिमान बना रहा है।
डा. शर्मा ने कहा कि पिछली सरकारों ने युवाओं के भविष्य को अंधकारमय बनाने में कोई कसर नहीं रखी थी लेकिन मौजूदा सरकार ने उनके सुनहरे भविष्य के लिए रोजगार की पुख्ता व्यवस्था की है। आज के उत्तर प्रदेश में नौकरी व अवसरों की कोई कमी नहीं है।
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उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाकर ऐसे युवाओं को तैयार किया जा रहा है जो हर प्रकार से दक्ष हो तथा आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महती भूमिका अदा कर सकें। उत्तर प्रदेश को देश का सबसे बड़ा प्रदेश बताते हुए उन्होंने कहा कि अब यह प्रदेश देश के अन्य राज्यों के लिए माडल बन रहा है।
चार साल में चार लाख से अधिक युवाओं को पारदर्शी तरह से सरकारी नौकरी दी गई है। कोरोना जैसे समय में जब गरीब व श्रमिक सबसे खराब दौर में थे उस समय में इन लोगों को सबसे अधिक रोजगार देकर संभालने का काम भी यूपी सरकार ने किया था।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, औद्योगिक विकास, बिजली, सड़क, कृषि सहित कोई भी क्षेत्र आज प्रदेश में बहती विकास की बयार से अछूता नहीं है। ढांचागत विकास के साथ ही नागरिकों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव आया है।
मनरेगा के तहत 1.10 करोड श्रमिकों को रोजगार दिया गया। 58758 महिलाओं को बैकिंग सखी करस्पोंडेंट बनाकर ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराए गए।
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उन्होंने कहा कि आज का यूपी आईटी के क्षेत्र में बंगलोर जैसे शहरों को टक्कर देने के लिए तैयार है आने वाले समय में नोयडा में बनने जा रहे डाटा सेन्टर में 75 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
इस प्रकार से स्टार्ट अप डिफेन्स कारीडोर ओडीओपी जैसे तमाम क्षेत्रों में रोजगार प्रदान किए गए हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सत्ता में आने के बाद शिक्षा के ढांचे में आमूलचूल बदलाव किया है। ये क्रान्तिकारी बदलाव ही नए भारत की नई तस्वीर बनाएंगे।
माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ ही एनसीईआरटी की पुस्तके लागू की गई जिससे कि प्रदेश के विद्यार्थी भी अन्य विद्यार्थियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकें। पिछली सरकार के समय में नकल को लेकर प्रदेश की छवि अत्यन्त खराब हो गई थी।
वर्तमान सरकार ने सत्ता संभालने के बाद मात्र तकनीक के प्रयोग व बेहतर प्रबंधन से परीक्षाओं को नकल विहीन बना दिया। आज यूपी अन्य प्रदेशों के लिए उदाहरण बन गया है। इसके लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ ही वायस रिकार्डर लगाए गए तथा परीक्षाओं की केन्द्रीयकृत मानीटरिंग आरंभ की गई।
आज यूपी बोर्ड की परीक्षा सबसे कम समय में सम्पादित कराई जाती है और सबसे पहले परीक्षा परिणाम आता है। कोरोना काल में भी तीन करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराकर जून में ही परिणाम घोषित कर दिया गया। परीक्षा की तिथि भी सत्र प्रारंभ होने के साथ ही घोषित कर दी जाती है।
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परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण भी आनलाइन ही किया जाता है। छात्र- छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने की नीव डालने की प्रक्रिया भी माध्यमिक शिक्षा के स्तर पर ही आरंभ की गई। उन्होंने कहा कि माध्यमिक उच्च और बेसिक शिक्षा में शिक्षकों की पारदर्शी भर्ती की गई।
प्रदेश में उच्च शिक्षा के विस्तार के लिए 79 राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना की गई तथा आने वाले समय में तीन और विश्वविद्यालय खोलने की प्रक्रिया आरंभ की गई है। सरकार ने 197 राजकीय हाईस्कूल और 51 बालिका छात्रावासों का निर्माण पूर्ण कराया है। 193 इंटर कालेजों का संचालन आरंभ कराया गया है।
संस्कृत भाषा को प्रोत्साहन के लिए 1075 संस्कृत माघ्यमिक विद्यालयों में 97.42 छात्र छात्राओं को संस्कृत शिक्षा दी जा रही है। कोरोना काल में भी यूपी में शिक्षा की रफ्तार बनी रही थी। इसके लिए आनलाइन शिक्षण की व्यवस्था की गई। 29 लाख से अधिक व्हाटसअप ग्रुप बनाकर 67 लाख से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की गई।
आनलाइन शिक्षण के लिए स्वयंप्रभा चैनल के जरिए भी पढ़ाया गया। इस आनलाइन शिक्षण के लिए 1.48 लाख शिक्षकोंं को प्रशिक्षण भी दिया गया। इसके साथ ही मेधावी छात्रों को सम्मानित भी किया गया।
डा. शर्मा ने कहा कि सरकार नई शिक्षा नीति के अनुरूप उच्च शिक्षा को नया स्वरूप प्रदान कर रही है। इसमें शोध के साथ नवाचार को प्रोत्साहन दिया जाएगा। विश्वविद्यालयों में करीब 70% एक समान पाठ्यक्रम के साथ ही औद्योगिक संस्थानों के साथ सहयोग पर बल दिया जा रहा है। शोध प्रोत्साहन के लिए महायोगी गुरू गोरक्षनाथ शोधपीठ की स्थापना गोरखपुर में की गई है।
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