Wednesday - 30 October 2024 - 8:42 AM

केरल चुनाव: नहीं मिला टिकट तो महिला नेता ने मुंडवा लिया सिर

जुबिली न्यूज डेस्क

केरल में विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस को उस समय अजीब स्थिति का सामना करना पड़ा जब पार्टी की एक महिला नेता ने टिकट न मिलने के विरोध में अपने पद से इस्तीफा दे दिया बल्कि पार्टी कार्यालय के सामने ही बैठकर विरोध में अपना सिर भी मुंडवा दिया।

महिला कांग्रेस की केरल इकाई की अध्यक्ष लतिका सुभाष इस बार एत्तूमनूर सीट से चुनाव लडऩा चाह रही थी। उन्होंने पार्टी हाईकमान से टिकट की मांग की थी, लेकिन जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो वह विरोध में आ गईं।

लतिका सुभाष ने राज्य में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवारों की सूची नयी दिल्ली में जारी होने के बाद अपने पद से रविवार को इस्तीफा दे दिया।

इतना ही नहीं इस वरिष्ठ महिला नेता नेता ने टिकट नहीं मिलने पर विरोध जताने के लिए यहां पार्टी कार्यालय के सामने बैठकर अपने सिर के बाल भी मुंड़ा लिया।

रविवार को दिल्ली में केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की। उनके घोषणा करने के तुरंत बाद लतिका सुभाष ने यहां पार्टी मुख्यालय इंदिरा भवन में पत्रकारों से मुलाकात की।

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लतिका ने कहा कि उम्मीदवारों की सूची में महिला उम्मीदवार कम हैं। कांग्रेस द्वारा आज जारी 86 उम्मीदवारों की सूची में केवल 9 महिलाएं हैं।

केरल में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी पार्टी की महिला नेता ने चुनाव का टिकट न मिलने पर पार्टी नेतृत्व के खिलाफ इस तरह का कठोर कदम उठाया है।

वरिष्ठ नेता लतिका कांग्रेस में जानी-मानी चेहरा थीं। उन्होंने 2018 में महिला कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष का पद संभाला था।

पत्रकारों से बातचीत में लतिका ने रोते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी में उन सभी महिला नेता की ओर से विरोध के प्रतीक के रूप में अपने सिर के बाल मुंडाये हैं, जो अन्य प्रत्याशियों की सफलता के लिए कड़ी मेहनत करती रही हैं और उन्हें वर्षों तक नेतृत्व द्वारा दरकिनार और नजरअंदाज किया गया।

उन्होंने कहा कि वह ऐसे पद पर नहीं रहना चाहतीं, जो उन्हें एक चुनाव टिकट भी नहीं दिला सके।

लतिका ने कहा, ”मैं केपीसीसी के उम्मीदवार के चयन से दुखी हूं। हमने महिलाओं के लिए 20 प्रतिशत सीटें मांगी थीं.. प्रत्येक जिले से कम से कम एक महिला उम्मीदवार की उम्मीद की थी, लेकिन जो महिला नेता पार्टी के लिए काम करती थीं, उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया जाता है।”

वरिष्ठï नेता ने यह भी कहा कि वह कांग्रेस नहीं छोड़ेंगी या किसी अन्य के साथ नहीं जुड़ेंगी, लेकिन अब से पार्टी की एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में काम करेंगी।

लतिका ने कहा, ”मैं न तो भाजपा में जाऊंगी, न मैं माकपा में शामिल होऊंगी। इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी मेरी नेता हैं।”

हालांकि, उनकी इस प्रतिक्रिया करते हुए, मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने उनके इन आरोपों को खारिज कर दिया कि उन्हें दरकिनार किया गया है। उन्होंने कहा कि वह हमेशा एक बहुत आज्ञाकारी पार्टी कार्यकर्ता रही हैं और कांग्रेस ने उनकी उपेक्षा नहीं की है।

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रामचंद्रन ने कहा, ”हम इस बार लतिका सुभाष को सीट नहीं दे सके…लेकिन ऐसा जानबूझकर नहीं किया गया। दरअसल वह एत्तूमनूर सीट चाहती थीं जिसे केरल कांग्रेस (एम) जोसेफ गुट को देना पड़ा। हम निश्चित रूप से भविष्य में उन्हें समायोजित करेंगे।”

वहीं  विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला ने कहा कि पार्टी ने सभी को शामिल करने की पूरी कोशिश की है और कई सक्षम नेता हैं जिन्हें इस चुनाव के लिए टिकट नहीं दिया गया है।

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