जुबिली न्यूज डेस्क
बीते सप्ताह सुप्रीम कोर्ट की एक खबर चर्चा में थी, जिसमें कहा गया था कि शीर्ष अदालत ने रेप पीड़िता के आरोपी से पूछा था कि वह उससे शादी करेगा। इस मामले की खूब आलोचना हुई थी।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले की गलत रिपोर्टिंग की गई। अदालत ने ऐसा कुछ नहीं कहा।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हमेशा से महिलाओं का सम्मान करता रहा है।
सीजेआई ने यह टिप्पणी 26 सप्ताह की प्रेगनेंट 14 साल की रेप पीड़िता की ओर से गर्भपात की अपील वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए की।
मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा, ‘एक संस्थान और इस अदालत में बेंच के तौर पर शीर्ष अदालत महिलाओं का सम्मान करती है।
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सीजेआई बोबड़े ने कहा- इस अदालत ने हमेशा महिलाओं को बड़ा सम्मान दिया है। हमने कभी किसी आरोपी से पीडि़ता से शादी करने को नहीं कहा है। हमने कहा था, ‘क्या तुम उससे शादी करने जा रहे हो? इस मामले में हमने जो कहा था, उसकी पूरी तरह से गलत रिपोर्टिंग की गई थी।’
बीते सप्ताह खबर आई थी कि चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने एक रेप आरोपी से पूछा, “अगर आप (पीडि़ता से) शादी करना चाहते हैं, तो हम आपकी मदद कर सकते हैं। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो आपकी नौकरी चली जाएगी, आप जेल जाएंगे। आपने लड़की के साथ छेडख़ानी की, उसके साथ बलात्कार किया है।”
मुख्य न्यायाधीश आज महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिक प्रोडक्शन कंपनी (एमएसइपीसी) में बतौर टेक्नीशियन कार्यरत अभियुक्त मोहित सुभाष चव्हाण की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।
अभियुक्त पर 14 साल की स्कूली छात्रा ने बलात्कार का आरोप लगाया गया है। फिलहाल अदालत ने शादी के झूठे वादे पर लड़की से बलात्कार करने के आरोपी को गिरफ्तारी से चार हफ्ते की अंतरिम राहत दे दी है।