जुबिली न्यूज डेस्क
नेतृत्व संकट से जूझ रही कांग्रेस को एक बार फिर एक क्षेत्रीय पार्टी के सामने गुटने टेकने को मजबूर होना पड़ा है। दरअसल, तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में डीएमके-कांग्रेस गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग का विवाद तो सुलझ गया लेकिन कांग्रेस नेता इससे खुश नहीं दिखाई पड़ रहे हैं।
तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष केएस अलागिरी ने डीएमके-कांग्रेस गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग की डील फाइनल होने का ऐलान किया है। इससे पहले डीएमके -कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर हुई पहले दौर की मीटिंग के बाद अलागिरी ने कहा था कि डीएमके ने सीटों को लेकर जो प्रस्ताव दिया, वो बेहद अपमानजनक था। राज्य की सभी 234 सीटों पर 6 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे।
BJP by entering into an alliance with AIADMK, its intention is to finish off AIADMK. They want to kill all opposition parties and have 'one party-one man rule' in the country. Congress, DMK, Left, VCK will sweep these elections: Dinesh Gundu Rao, Congress in-charge of Tamil Nadu pic.twitter.com/ufhAGfwxPH
— ANI (@ANI) March 7, 2021
तमिलनाडु कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष केएस अलागिरी ने चेन्नै में मीडिया को बताया, ‘हमने डीएमके के साथ सीट शेयरिंग एग्रीमेंट पर दस्तखत किया है। इसके तहत कांग्रेस राज्य की 25 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं कन्याकुमारी लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में भी कांग्रेस का उम्मीदवार होगा।’
दरअसल कांग्रेस कम से कम 30 सीटें चाहती थी। कांग्रेस को लगता था कि अगर कम सीटों को मान लिया गया तो इसका असर न सिर्फ पार्टी के मनोबल पर पड़ेगा, बल्कि यह कदम राज्य में कांग्रेस को खत्म करने का काम भी करेगा।
Chennai: Congress leaders arrive at DMK headquarters for a meeting on seat-sharing for the Tamil Nadu assembly elections pic.twitter.com/ZuDj6TUGWj
— ANI (@ANI) March 7, 2021
पार्टी के एक नेता का कहना था कि हमने 45 सीटें चाही थीं, लेकिन डीएमके देने को तैयार नहीं है। उनका कहना था कि कांग्रेस 30 से कम में किसी भी रूप में राजी नहीं होगी।
कांग्रेस इस पूरे में मामले में खुद को इसलिए भी अपमानित महसूस कर रही थी, क्योंकि डीएमके ने छोटे-छोटे दलों को सीट देकर अपना गठबंधन तय कर लिया।
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बताया जाता है कि डीएमके ने वहां अपने सहयोगी वीसीके को छह सीटें, मुस्लिम लीग आईयूएमएल को तीन सीटें और एमएमके को दो सीटें दी हैं।
कांग्रेस के खेमे से यह भी चर्चाएं थीं कि अगले एक-दो दिन में अगर डीएमके साथ बात फाइनल नहीं होती तो कांग्रेस कमल हासन की पार्टी मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) के साथ भी आगे बढ़ सकती है।