जुबिली न्यूज़ डेस्क
पूर्वांचल के बाहुबली माफिया और पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने शुक्रवार को एमपीएमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। अजीत सिंह हत्याकांड में उनका नाम सामने आने के बाद उनके खिलाफ गैर जमानती वारेंट और 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था। फ़िलहाल कोर्ट में सुनवाई जारी है उन्हें जेल भी भेजा जा सकता है। हालांकि न्यायलय परिसर के बाहर उनके समर्थक भारी संख्या में मौजूद है।
बता दें कि राजधानी लखनऊ में अजीत सिंह हत्याकांड में जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह का नाम आने के बाद वो फरार चल रहे थे, जिसके बाद कमिश्नरेट पुलिस ने उनपर ईनाम घोषित किया है। बीते दिन डीसीपी पूर्वी संजीव सुमन ने बताया था कि पूर्व ज्येष्ठ उप प्रमुख अजीत सिंह की हत्या के मामले में पूर्व सांसद साजिश करने के आरोपी पाए गये हैं।
डीसीपी पूर्वी संजीव सुमन केअनुसार, पूर्व सांसद के खिलाफ कोर्ट से गैरजमानती वारंट मिलने के बाद उनकी तलाश तेज कर दी गई थी। बुधवार रात को पुलिस ने लखनऊ स्थित चार ठिकानो पर दबिश दी, लेकिन पूर्व सांसद नहीं मिले। पुलिस ने इन ठिकानों से तीन लोगों को हिरासत में ले लिया था। इसके बाद पूछताछ के बाद इन्हें छोड़ दिया गया।
इससे पहले पूर्व सांसद के पिता और रारी के पूर्व विधायक राजदेव सिंह ने सीएम को पत्र भेजकर बेटे के सुरक्षा की गुहार लगाई है। उन्होंने पुलिस की लगातार विधि विरुद्ध कार्रवाई से बेटे की जान को खतरा बताया था।
उन्होंने शहर के कालीकुत्ती स्थित आवास पर पत्रकारों से कहा कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह को गलत तरीके से मुकदमों में वांछित दिखाया गया। साथ ही जनता में छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
बता दें कि जिस मुकदमे में आरोपी गिरधारी के बयान के आधार पर पूर्व सांसद की संलिप्तता दिखा रही है उस बयान को पुलिस ने लिया है। पुलिस की ओर से लिया गया बयान साक्ष्य में ग्रहण योग्य नहीं होता।
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उन्होंने कहा कि धनंजय सिंह ने अक्टूबर 2020 में हुए मल्हनी विधानसभा के उपचुनाव में अपनी संपूर्ण संपत्तियों का विवरण दिया है जोकि यह समाचार पत्रों में प्रकाशित भी हुआ था।सीएम से मांग है कि पुलिस की विधि विरुद्ध कार्रवाई और दुष्प्रचार पर रोक लगाएं।