जुबिली न्यूज डेस्क
कांग्रेस पार्टी से नाराज बताए जा रहे ‘ग्रुप-23’ के नेताओं में शामिल और हाल ही में राज्यसभा से रिटायर हुए गुलाम नबी आजाद ने पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री पद पर होने के बावजूद उन्होंने अपनी जड़ों को याद रखा है और खुद को गर्व से ‘चायवाला’ कहते हैं।
#WATCH I like lot of things about many leaders. I'm from village & feel proud… Even our PM hails from village & used to sell tea. We're political rivals but I appreciate that he doesn't hide his true self. Those who do, are living in bubble: Congress' Ghulam Nabi Azad in Jammu pic.twitter.com/8KKIYOwzZB
— ANI (@ANI) February 28, 2021
जम्मू में आयोजित एक समारोह में गुज्जर समुदाय को संबोधित करते हुए आजाद ने कहा, ‘लोगों को नरेंद्र मोदी से सीखने की जरूरत है जो कि प्रधानमंत्री बनने के बाद भी अपनी जड़ों को नहीं भूले। वे खुद को बड़े गर्व से ‘चायवाला’ कहते हैं। हालांकि नरेंद्र मोदी के साथ मेरी राजनीतिक विचारधारा काफी अलग है, लेकिन पीएम जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति हैं।’
इसी महीने कुछ दिनों पहले गुलाम नबी आजाद के लिए दिए अपने विदाई भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी भावुक हो गए थे। आजाद का राज्यसभा में बतौर नेता प्रतिपक्ष का कार्यकाल पूरा होने के दौरान पीएम मोदी ने यह भाषण दिया था। अपने करीब 13 मिनट के विदाई भाषण में पीएम मोदी की आंखों में कई बार आंसू आए।
दरअसल वे उस घटना को याद कर रहे थे जब 2007 में कश्मीर में आतंकी हमला हुआ था और उस दौरान वहां फंसे गुजरात के पर्यटकों को वहां से निकालने में प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने काफी मदद की थी। गुलाम नबी आजाद का 15 फरवरी को संसद के उच्च सदन में कार्यकाल पूरा हुआ था।
इससे एक दिन पहले, कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन और संगठनात्मक फेरबदल की मांग करने वाले वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल समेत ‘जी-23’ के नेता शनिवार को जम्मू में एक मंच पर एकत्र हुए और उन्होंने कहा कि पार्टी कमजोर हो रही है और वे इसे मजबूत करने के लिए एक साथ आए हैं।
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कांग्रेस के इन असंतुष्ट नेताओं को ‘जी-23’ भी कहा जाता है। सिब्बल ने महात्मा गांधी को समर्पित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘यह सच बोलने का मौका है और मैं सच बोलूंगा। हम यहां क्यों इकट्ठे हुए हैं? सच्चाई यह है कि हम देख सकते हैं कि कांग्रेस कमजोर हो रही है। हम पहले भी इकट्ठा हुए थे और हमें एक साथ मिलकर कांग्रेस को मजबूत करना है।’
इस कार्यक्रम में समूह (जिसे अब ‘जी-23’ कहा जाता है) के भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मनीष तिवारी, विवेक तन्खा और राज बब्बर जैसे कई अन्य कांग्रेसी नेता भी शामिल हुए।