जुबिली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश में 30 अप्रैल तक पंचायत चुनाव होने हैं। इन चुनावों में छोटे स्टाम्प पेपर की मांग अधिक होती हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार छोटे स्टाम्प पेपर की हो रही कालाबाजरी में अंकुश लगाने जा रही है।
प्रदेश में स्टाम्प व पंजीयन विभाग ने आनलाइन ई-स्टाम्पिंग सेल्फ प्रिंटिंग की व्यवस्था को लागू कर दिया है। ऐसा पंचायत चुनाव में अधिक मांग को देखते हुए किया गया है। इस कदम से अब नामांकन के समय पर स्टाम्प पेपर के लिए मारामारी नहीं मचेगी।
जारी की गई नई व्यवस्था के तहत जरूरतमंद व्यक्ति पांच सौ रुपये तक के स्टाम्प को खुद स्टाक होल्डिंग कारपोरेशन आफ इण्डिया लि.(सीआए) की वेबसाइट पर आनलाइन शुल्क जमा कर के छाप सकेगा।
इस बारे में जो शासनादेश जारी किया गया है उसमें कहा गया है कि कोई व्यक्ति जो अल्प धनराशि के स्टाम्प शुल्क का भुगतान करना चाहता है, वह सीआरए की वेबसाइट www.shcilestamp.com पर जाकर ऑनलाइन ई-स्टाम्पिंग प्रणाली में भुगतान के लिए रजिस्टर कर सकता है।
रजिस्ट्रेशन करने के बाद उसका सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद यूजर आईडी और पासवर्ड मिलेगा। जिसका इस्तेमाल करके लागइन किया जाएगा। इसके बाद प्रयोक्ता व्यक्ति द्वारा आवश्यक विवरण जैसे राज्य, अनुच्छेद, स्टाम्प शुल्क की राशि, पक्षकारों का विवरण (दोनों पक्षों का विवरण) दाखिल किया जाना जरुरी होगा।
विवरण में प्रयोग करने वाले को ये स्पष्ट करना होगा कि वो किस मकसद से ई-स्टाम्प खरीद रहा है। इसके बाद आनलाइन भुगतान के विकल्प का चयन करके नेट बैंकिंग/डेबिट कार्ड/यूपीआई के जरिये अपेक्षित स्टाम्प शुल्क की धनराशि का भुगतान किया जाएगा।
भुगतान के बाद ई-स्टाम्प प्रमाण पत्र खरीदने वाले व्यक्ति द्वारा अपने कम्प्यूटर और प्रिण्टर से उसे प्रिण्ट कर सकेगा या फिर साइबर कैफे से उसे प्रिण्ट निकलवा सकेग।
खास बात ये हैं कि ई-स्टाम्प का यह प्रिण्ट 80 जीएसएम इक्जीक्यूटिव बाण्ड के कागज पर ही लिया जा सकेगा। यह प्रक्रिया केवल पांच सौ रुपये की अधिकतम सीमा तक के स्टाम्प शुल्क के भुगतान पर ही लागू होगी।
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इसके अलावा जारी किये गये आदेश में कहा गया है कि स्वयं मुद्रण में किसी भी धोखाधड़ी या दुर्भावना को रोकने के लिए प्रस्तावित माड्यूल में मजबूत सुरक्षा सुविधाओं सहित प्रभावी निगरानी तंत्र की सुनिश्चित व्यवस्था स्टाक होल्डिंग कारपोरेशन आफ इण्डिया द्वारा की जाएगी। प्रदेश के स्टाम्प आयुक्त और सम्बंधित एजेंसी को ये भी सुनिश्चत करना होगा राज्य को किसी भी तरह की वित्तीय क्षति न होने पाए।