जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपना अंतिम बजट सोमवार को पेश कर दिया है। इस बजट को लेकर कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने इस बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट पेपरलेस है और सरकार सेंसलेस है। उन्होंने बजट को लेकर एक ट्वीट किया है और कहा है कि न लघु उद्योग को समर्थन, न किसान के बर्बाद फसल की बात, न गन्ना भुगतान पर स्पष्टता। नौजवानों के रोजगार पर निजी क्षेत्र का पहरा।
बुंदेलखंड के किसान आत्महत्याओं पर चुप्पी। अपना राग, अपनी डफ़ली। आज के बजट की यही सच्चाई है। बजट पेपरलेस है। सरकार सेंसलेस है।
विकास से यह बजट कोसों दूर दिखा : अजय कुमार लल्लू
अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार द्वारा पेश किये बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आज फिर नये जुमलों के साथ उ0प्र0 के बजट को पेश किया जो पूरी तरह निराशजनक, किसानों के साथ धोखा, नौजवानों के विश्वास के साथ विश्वासघात और गरीब, शोषित, वंचितों के लिए कोई योजना लाने का काम नहीं किया विकास से यह बजट कोसों दूर दिखा।
सरकार ने अपने बजट में कहा कि हम किसानों की आय 2022 तक दो गुना करेंगे गन्ने का हमने रिकार्ड तोड भुगतान किया है पिछले साल तक गन्ने के भुगतान का बकाया 8 हजार करोड़ से अधिक था और इस साल यह 10 हजार करोड़ के पार पहुंच गया।
पिछले साल जब 2017 में सरकार आयी थी इन्होने कृषक संवंर्धित आयोग का गठन किया और आयोग में खुद मुख्यमंत्री अध्यक्ष और मुख्य सचिव से लेकर प्रमुख सचिव सदस्य बने। 2017 से लेकर आज तक एक भी बैठकें नहीं हुईं।
किसानों के संवृद्धि के लिए जो आयोग बना ऐसी कोई भी योजना नहीं बनाई गयी जो किसानेां का भुगतान कर सके अब इस साल एक नया जुमला आत्मनिर्भर कृषि समन्वित विकास योजना लाई गई है।
पिछले वर्ष जो आयोग बनाया उसकी एक भी बैठक नहीं कर पाये और अब जो आयोग बनाया है यह भी पूरी तरह दिखावा, छलावा और ब्रान्डिंग के अलावा कुछ भी नहीं है।
सरकार ने कहा कि गेहूं, धान और मक्का की रिकार्ड तोड़ खरीद की है और आगे भी खरीद कर रहे हैं। उन्होने दावा किया कि कहीं भी धान की खरीद नहीं हो रही है किस खरीद की बात सरकार कर रही है रिकार्ड के नाम पर केवल आंकड़ों की बाजीगरी और डाटा को पेश करने का पीआर कंपनी द्वारा प्रायोजित डाटा को उ0प्र0 की जनता के सामने रखने का काम कर रही है।
बिजली के दामों में भारी वृद्धि, किसानों के लिए छूट का कोई प्राविधान नहीं
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि यह सरकार किसानों के लिए कोई योजना लेकर आयेगी, किसानों के लिए विशेष पैकेज लाने की व्यवस्था करेगी। ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, बेमौसम वर्षा, से जो किसानेां की फसल बर्बाद हुई है उसके लिए एक रूपया मुआवजे के नाम पर इस सरकार ने नहीं दिया सिर्फ दिखावा किया।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि बिजली के बढ़े हुए दाम को भी सरकार ने किसानों के लिए निजी नलकूप में कोई छूट का प्राविधान नहीं किया। उर्वरक, खाद उपलब्ध कराने की बात की, कहीं भी पिछले समय में यह बात साफ है कि किसान यदि खाद के लिए कहीं गया तो उसे लाठी के सिवा खाद नहीं मिली। खाद और डीजल का दाम मंहगा हो गया लेकिन इस सरकार ने एक रूपया फसल में बढ़ाने का काम नहीं किया।
युवा रोजगार के नाम पर इस सरकार ने एक शेर के माध्यम से बात कहीं, अंतिम शब्द था-हम जो चाहेंगे वह होने दो, यह सरकार रोजगार को तो चाहती ही नहीं 14 लाख प्रतिवर्ष का वादा था 56 लाख के सापेक्ष मुख्यमंत्री ने अपने टिव्टर के माध्यम से बताया कि 4 लाख दे पाये हैं।
यूपीएसी की भर्ती 24 में 22 भर्ती अटकी पड़ी है रोज आन्दोलकारी सड़कों पर हैं, चाहे वह शिक्षक भर्ती हो, पुलिस भर्ती हो, बीडीओ, सिपाही, दरोगा भर्ती हो अधर में लटकी पड़ी है भर्ती के नाम पर सरकार ने नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है।
बुनकरों को, कारपेट उद्योग, चमड़ा उद्योग, पीतल उद्योग, चूड़ी उद्योग, लकड़ी उद्योग तथा 75 हजार बंद (एमएसएमई), लघु उद्योग, कुटीर उद्योग जो केवल गाजियाबाद और नोएडा में था एक भी प्रोत्साहन या पैकेज इन तमाम उद्योगों के लिए कोई भी बजट में किसी तरह के फण्ड की व्यवस्था नहीं थी और जो किया भी है वह जरूरत के सापेक्ष बहुत ही कम राशि है।
पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड और मध्यांचल में उद्योग लगाने की बात जो की है इन्वेस्टर्स समिट हुआ, डिफेन्स एक्सपो हुआ, एक भी अब तक कोई भी उद्योग चाहे वह बुन्देलखण्ड, पूर्वांचल हो मध्यांचल हो एक भी नहीं लगा पायी।