Tuesday - 29 October 2024 - 3:03 PM

केजरीवाल सरकार का दिल्ली के शराब माफिया पर वार

जुबिली न्यूज ब्यूरो

नई दिल्ली. वर्ष 2009 में बनी दिल्ली की आबकारी नीति पर दिल्ली में कुछ अमूलचूल परिवर्तन के लिए दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार ने मन बना लिया है. उसके निशाने पर इस बार हैं राजधानी के वो शराब माफिया जो सालों से शराब के ठेकों पर कुंडली मारे बैठे हैं.

इनमें कुछ ऐसे हैं जिनके पास खुद के 20-20 ठेकों पर सालों से कब्ज़ा है, इतना ही नहीं आपको जानकार हैरानी होगी कि इनके पास अपने शराब के ब्रांड भी हैं. वो भी सस्तेवाले, जिनकी ब्रांड पुशिंग होती है. यानी उन्हें लोगों को ज़बरदस्ती बेचा जाता है. ताकि इस माफिया को ज़्यादा से ज़्यादा मुनाफा हो जो की उसे नामी गिरामी ब्रांड बेचने से नहीं होगा.

दिल्ली आबकारी नीति में परिवर्तन के लिए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में एक कमेटी गठित की गयी और मंत्री कैलाश गेहलोत और सत्येंद्र जैन इसके सदस्य बनाये गए कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि दिल्ली में घटिया शराब की बिक्री और खपत रोकने के लिए वही शराब ठेकों पर बिकेगी जिसकी कीमत 600 रुपए या उससे ज़्यादा हो.

दिल्ली में 601 रुपए की कीमत से नीचे बिकने वाली व्हिस्की के सिर्फ ऐसे ब्रांड्स का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा जिनकी दिल्ली के अलावा किन्ही पांच राज्यों में कम से कम एक लाख केस की हो और उस ब्रांड के कम से कम दस लाख केस मिलटरी कैंटीन में बिकते हों.

601 रुपए से ऊपर बिकने वाले ब्रांड के लिए ऐसी कोई बाध्यता नहीं होगी. दिल्ली में 150 रुपये की कीमत से नीचे बिकने वाली बियर के सिर्फ ऐसे ब्रांड्स का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. जिनकी दिल्ली के अलावा किन्ही पांच राज्यों में कम से कम एक लाख केस की हो और उस ब्रांड के कम से कम दस लाख केस मिलट्री कैंटीन में बिकते हों.

150 रुपए से ऊपर बिकने वाले बियर के ब्रांड के लिए ऐसी कोई बाध्यता नहीं होगी. दिल्ली में 501 रुपए की कीमत से नीचे बिकने वाली रम और वोडका के सिर्फ ऐसे ब्रांड्स का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा जिनकी दिल्ली के अलावा किन्ही पांच राज्यों में कम से कम एक लाख केस की बिक्री हो और उस ब्रांड के कम से कम दस लाख केस मिलट्री कैंटीन में बिकते हों.

501 रुपए से ऊपर बिकने वाले ब्रांड के लिए ऐसी कोई बाध्यता नहीं होगी. दिल्ली में फिलहाल सरकारी और गैर सरकारी ठेकों की कुल संख्या 720 है सरकार इनकी संख्या 916 यानि 196 नए शराब के ठेके खोलना चाहती है.

दिल्ली सरकार इस बार ठेकों के आवंटन की प्रक्रिया में बड़े फेर बदल करने जा रही है. इस बार ठेकों का आवंटन लाटरी से होगा और किसी भी व्यक्ति को दो से ज़्यादा ठेके आवंटित नहीं किये जाएंगे. लाटरी सिस्टम और एक व्यक्ति को दो से ज़्यादा ठेके नहीं देने का फैसला दिल्ली में पैर फैलाये माफिया की कमर तोड़ने के लिए एक बड़ा कदम होगा क्योंकि ये माफिया अनगिनत ठेकों पर कब्ज़ा कर अपने ही शराब के घटिया ब्रांड लोगों को खरीदने के लिए मजबूर किया करते थे. नयी आबकारी नीति से दिल्ली सरकार का राजस्व भी काफी बढ़ेगा.

पहले लाइसेंस फी प्रति ठेका रुपए आठ लाख थी, जिसे इस बार बढ़ाकर 75 लाख रुपए कर दिया गया है.

पहले ठेके के मालिकों को प्रति बोतल 50 से 100 रुपए का फायदा होता था. लाइसेंस फीस में भारी बढ़ोत्तरी के साथ-साथ ठेके के मालिकों का नुक्सान न हो, उसका भी ध्यान रखा गया है.

कमेटी ने सिफारिश की है कि अब ठेके के मालिकों को अधिकतम विक्रय मूल्य यानि एमआरपी का आठ प्रतिशत मुनाफा मिले जो की पहले मिलने वाले मुनाफे से कहीं ज़्यादा होगा.

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है की नयी एक्साइज पालिसी से दिल्ली में शराब के दाम बढ़ेंगे लेकिन ये सिर्फ एक भ्रम है.

ब्रांड रजिस्ट्रेशन फीस जो की अब तक 46 करोड़ रुपए थी, बढ़कर 60 करोड़ रुपए हो जायेगी एक्साइज ड्यूटी जो की लगभग 4500 करोड़ रुपए थी बढ़कर लगभग 6400 करोड़ रुपए हो जायेगी

एक्सपर्ट और परमिट फी जो 300 करोड़ रुपए थी, बढ़कर 350 करोड़ रुपए हो जायेगी.

सबसे ज़्यादा आय ठेके की लाइसेंस फीस से होगी. जो अब तक लगभग 362 करोड़ रुपए थी, बढ़कर 659 करोड़ रुपए हो जायेगी.

एक्साइज से वर्तमान राजस्व जो की लगभग 5068 करोड़ रुपए था. अब बढ़कर 7650 करोड़ रुपए हो जाएगा.

दिल्ली में ड्राई डे भी कम करने का सुझाव है. वर्तमान समय में दिल्ली में 21 ड्राईडे होते हैं जबकि बगल के उत्तर प्रदेश में सिर्फ चार, हरियाणा में तीन और पंजाब में तीन ड्राईडे होते हैं. इसी तर्ज़ पर कमेटी की सिफरिश है कि दिल्ली में भी सिर्फ तीन ड्राई डे या खुश्क दिवस हों.

यह भी पढ़ें : महापंचायत में बोलीं प्रियंका – अहंकारी राजा की तरह बर्ताव करते हैं प्रधानमंत्री मोदी

यह भी पढ़ें : जेठ की गंदी हरकत पर नवविवाहिता ने उठाया ये कदम और फिर…

यह भी पढ़ें : अपर्णा के राम मंदिर निर्माण पर चंदा देने को लेकर क्या बोले अखिलेश यादव

यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : …तो संसद आवारा हो जाती है और अदालतें सौदागर

दिल्ली में शराब पीने की न्यूनतम उम्र 25 साल है जिसे अन्य राज्यों की तर्ज़ पर घटा कर 21 करने की सिफारिश भी की गयी है. पब्स और बार्स को रात के तीन बजे तक खोलने के सिफारिश भी कमेटी ने की है.

अगर दिल्ली सरकार इस कमेटी की सिफारिशों को अमल में लाती है तो सिर्फ राजस्व का फायदा नहीं बल्कि दिल्ली में घटिया शराब की बिक्री बंद हो जायेगी और सालों से अपनी जड़ें जमाये शराब माफिया की कमर भी टूट जायेगी.

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com