जुबिली न्यूज़ डेस्क
कोरोना वायरस से निपटने के लिए ‘कोरोनिल’ नाम से इम्युनिटी बूस्टर लॉन्च कर चुकी बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने अब नई दवा लॉन्च की है. पतंजलि का दावा है कि नई दवा साक्ष्यों पर आधारित है।
नई दवा के लॉन्च के मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मौजूद रहे. नई दवा का नाम भी कोरोनिल ही है। पतंजलि का कहना है कि कोरोनिल टैबलेट से अब कोविड का इलाज होगा।
आयुष मंत्रालय ने कोरोनिल टैबलेट को कोरोना की दवा के तौर पर स्वीकार कर लिया है। पतंजलि का कहना है कि नई कोरोनिल दवा CoPP-WHO GMP सर्टिफाइड है। दवा लांच करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि योग आयुर्वेद को रिसर्च बेस्ड ट्रीटमेंट के तौर पर चिकित्सा पद्धति के रूप में अपनाया जा रहा है। बाबा रामदेव का कहना है कि यह दवा WHO द्वारा सर्टिफाइड है। इस दवा का नाम भी कोरोनिल टैबलेट ही है।
Delhi: Yog Guru Ramdev releases scientific research paper on 'the first evidence-based medicine for #COVID19 by Patanjali'.
Union Health Minister Dr Harsh Vardhan and Union Minister Nitin Gadkari are also present at the event. pic.twitter.com/8Uiy0p6d8d
— ANI (@ANI) February 19, 2021
पतजंलि का कहना है कि इस दवा से दुनिया के 158 देेशों को कोरोना से निपटने में मदद मिलेगी। इससे पहले पतंजलि की ओर से बीते साल जून में कोरोनिल नाम से दवा लॉन्च करने का दावा किया था। इस पर काफी विवाद हुआ था, जिसके बाद पतंजलि ने कहा था कि यह दवा कोरोना को खत्म करने का दावा नहीं करती है बल्कि इम्युनिटी बूस्टर है। दवा की लॉन्चिंग के मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे।
दवा की लॉन्चिंग के साथ ही इस दौरान एक रिसर्च पेपर भी जारी किया गया, जिसे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और डॉ. हर्षवर्धन ने लॉन्च किया। पतंजलि आयुर्वेद की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस दवा को 100 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने मिलकर तैयार किया है।
पतंजलि का कहना है कि इन दवाओं से न सिर्फ इम्युनिटी मजबूत होगी बल्कि कोरोना को भी खत्म किया जा सकेगा। पतंजलि ने जो नई दवाएं लॉन्च की हैं, उनमें कोरोनिल और श्वासारी के अलावा पीड़ानिल, आर्थोग्रिट, मधुनाशिनी व मधुग्रिट, मुक्तावटी, थायरोग्रिट, प्रोस्टोग्रिट, इम्यूनोग्रिट, सिस्टोग्रिट आदि प्रमुख हैं। कोरोना वैक्सीन को लेकर पतंजलि के रिसर्च पेपर का विमोचन करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि पतंजलि और केंद्र सरकार का एक ही सपना है कि नई तकनीक के आधार पर आयुर्वेद को स्थापित किया जा सके।
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डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि यदि कोरोना के दौर में आयुर्वेदिक दवाओं को पहचान मिलती है तो फिर इससे अच्छा कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौर में आयुर्वेद की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ 50 फीसदी तक पहुंच गई है, जो कोरोना से पहले 15 से 20 फीसदी के करीब ही रहा करता था।
इस मौके पर बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि ने दवा सिर्फ कारोबार के लिए नहीं बनाई है बल्कि हमने उपचार और उपकार के लिए कोरोना की दवाओं को तैयार किया है। बाबा रामदेव ने कहा कि हम चाहते हैं कि अगले 30 सालों तक इस तरह से आयुर्वेद पर काम करें कि WHO का हेड ऑफिस ही भारत में आ जाए।